________________ अणसण-मुणोयरिया, वित्तीसंखेवणं रसच्चाओ। कायकिलेसो संलीणया य बज्झो तवो होइ // 188 // पायच्छित्तं विणओ, वेयावच्चं तहेव सज्झाओ। ज्झाणं उस्सग्गो वि य, अभितरो तवो होइ // 189 / / बारसभेयं पि इमं, न तविज्ज तवं इमेहि कामेहिं / इह-परलोइय-पूया-पहुत्त-जस-कित्तिपमुहेहिं // 190 // पुव्विं दुच्चिन्नाणं, दुप्पडिकंताण वेयणिज्जाणं / सकडाणं कम्माणं, केवलमुम्मूलणट्ठाए // 191 // न य अन्नो वि हु बलवं, एयाण निकाइयाण कम्माणं / दुट्ठाण दलणहेऊ, हविज्ज सुत्ते जओ वुत्तं // 192 // "सव्वासिं पगडीण, परिणामवसादुवक्कमो भणिओ। पायमनिकाइयाणं, तवसा उ निकाइयाणं पि" // 193 // तम्हा चिरचिन्न-कुकम्म-सेल-दंभोलिसच्छहम्मि तवे / सययं समग्गमंगलमूले सम्मं समुज्जमह // 194 // पसमंति विग्घसंघा, दुईता इंदिया य दम्मंति। . सिझंति वंछियत्था, तवेण देवा वसे हुंति // 195 // आमोसहि-विप्पोसहि-खेलोसंहि-जल्लओसहीपमुहं / जं जिणसमए सुम्मइ, तं तवतरुणो फलं सयलं // 196 // उत्तमपुरिसपणीए, उत्तमपुरिसेहिं चेव आइन्ने / निम्महियभावरोगे, वेरग्गकरे तवे रमह // 197 // बलदेवमुणी य भयवं, बंभी य सुसाहुणी तवे तिव्वे / आणंदो य महप्पा, सुसाविया सुंदरी नायं // 198 // कज्जलरेहारहियं, चित्तं जह रसवई विणा लवणं / ' पाणियहीणु व्व मणी, वियलियकलसु व्व पासाओ / // 199 // 182