________________ विहिणा तं निम्माणं, विहिणा कारिज्ज तप्पइट्ठाणं। विहिपूयाइविहाणं, विहिणा थुइथुत्तपणिहाणं // 164 // धन्नाणं विहिजोगो, विहिपक्खाराहगा नरा धन्ना। विहिबहुमाणी धन्ना, विहिपक्खअदुसगा धन्ना // 165 / / सुय-संघ-तित्थ-पमुहं, सव्वं तित्थंकरहिं ताव कयं / तस्स पडिच्छंदम्मी कयम्मि, सुकयं कयं सयलं // 166 / / वेरुलिय-फलिहद्धविदुम-पमुक्खरयणेहिं सेल-धाऊहिं। धन्ना जियम्मि कारिय-जिणपडिमा हुंति अप्पडिमा 167 )) अइदुलहं पि बोहिं, जिणपडिमा-कारिणो लह लहंति / देवाहिदेवपडिबिंब-कारओ जह सुवनयरो // 168 // इय सत्तसु खित्तेसुं, सुयपन्नत्तेसु वित्तबीयं जं। उप्पइ गिहीहिं तं भाव-सलिलसित्तं सिवप्फलयं // 169 // दाणगुणसंगओ वि हू, गरुयारम्भो वि भद्दजाई वि। सीलेण सोहइ नरो, करिव्व कमपीवरकरेण .. // 170 // सीलं अबंभ-चाओ, नाओ व चरणहरिणरायस्स। पसरइ जस्स मणवणे, न हणइ तं मयणमायंगो // 171 // सीलं सुहतरुमूलं, सीलं नालं व नाणनलिणस्स। सीलं धम्महमूलं, सीलं सालो वयपुरस्स // 172 // बाहाहि जलहितरणं, हुयवह-जालोलि-कवलणं तह य / असिधारा-चंकमणं, तुलाइ सुरसेल-तुलणं च // 173 // अन्नं पि दुक्करं जं, तं पि हु सुकरं कयाइ कस्सा वि। . पालणमिक्कं चिय, निक्कलंक-सीलस्स न हु सुकरं // 174 / / ससिणेह हिययजलिए, वम्मह-दहणेभिमाण-घणधूमे। सहसक्खो वि न पिक्खइ, किच्चाकिच्चं किमु दुयक्खो' // 175 // 180