________________ // 128 // // 129 // // 130 // // 131 // // 132 // // 133 // परिचत्तसयललोइयतिहिपव्वमहूसवा महामुणिणो / भोयणसमया निहिणो, धन्नाण हवंति गुणनिहिणो धन्नाण दाणबुद्धी, धंन्नयराणं च देयपरिसुद्धी। धन्नतमाणं तु जए, जायइ सुहपत्तसंसिद्धी कस्स वि कल्लाणगिहस्स, चेव गेहम्मि समणरूवधरा / पच्चक्खनाणदंसणचरणा पिंडं पडिच्छंति आरंभनियत्ताणं, छज्जीवनिकायरक्खणरयाणं / मुक्खपहसाहगाणं, धन्ना जे दिति पत्ताणं नियनियविसयविभागं, पडुच्च संधे चउप्पयारे वि / विक्खाया इत्थ इमे, सुपत्तदाणम्मि दिटुंता साहूसु बाहुसाहू, अज्जासुं तहय पुष्फचूलज्जा। . सड्ढेसु मूलदेवो, चंदणबाला य सड्ढीसु अहिगयजीवाजीवाण, सम्ममुवलद्धपुनपावाणं / . चिरपरिणयधम्माणं, खरकम्मनियत्तचित्ताणं निम्मलतवोरयाणं, अजियाहाराण बंभयारीणं / आवस्सयनिरयाणं, समाणधम्माण सड्ढाणं रह-तित्थजत्त-पडिमापइट्ठ-सम्मत्त-विरइगहणेसु / पक्ख-चउमास-वच्छरतवउत्तरपारणाईसु सगिहाणं सम्माणं, दाणं च गुणाणुरागओ कुणइ / धम्मथिरत्तनिमित्तं, अहिणवधम्माण सविसेसं जम्हा सुलहा नियकज्जसिद्धिसंबंधबंधुणो भुवणे / 'दुलहा उ धम्मसंबंध-बंधुरा बंधवा धणियं तम्हा समाणधम्माण, वच्छलत्तेण धम्मवच्छल्लं / तम्मि य पुण वच्छल्लं, अतुल्लकल्लाणकुलभवणं // 134 // // 135 // // 136 // // 137 // // 138 // // 139 // 100