________________ कणफलमणिमुत्ताईणुदए जह हुंति सव्वसत्तीओ। तह सव्वसुहफलाणं दाणे जिणपूअणे हुंति // 3 / 211 // जह बहुकालं धन्ने पुक्खलसंवट्टमेहजलवुट्ठी / तह जिणभत्ती इक्का जीवे सुचिरे सुहे देइ // 3 / 212 // पुप्फामिसथयमाई पूआ अंगग्गभावओ तिविहा / तिहुअणपहुणो विहिआ तिहुअणसामित्तणं कुणइ // 3 / 213 // बिंदू वि उदहिनिहिओ जह कालमणंतमक्खओ होइ / एवमणंतगुण जिणे पूआ वि अणंतसुहदाणा // 3 / 214 // गोसीसपडिमकुसुमं बिंदू गंगाइ अड वि अग्गिकणो। इअ अप्पा जिणपूआ सुहदाणे अक्खया होइ // 3 / 215 // पूआ परिणामाइसु जस्स चउत्थाइ सुहफलं होइ।. पूअह तं जिणचंदं जगसरणं मुक्खसुहकरणं // 3 / 216 // मणसा होइ चउत्थं छट्ठफलं उट्ठिअस्स संभवइ / गमणस्स य आरंभे हवइ फलं अट्ठमोवासो . // 3 / 217 // गमणे दसमं तु भवे तह चेव दुवालंसं गए किंचि। मझे पक्खोवासं मासोवासं तु दिटेणं // 3 / 218 // संपत्तो जिणभवणं लहइ छम्मासिअ फलं पुरिसो। संवच्छरिअं तु फलं दारुद्देसे ठिओ लहइ . // 3 / 219 // पायक्खिणे लहइ वरिससयफलं तओ जिणे दिढे। पावइ वरिससहस्सं अणंत पुण्णं जिणथुईए // 3 / 220 // कुसुम 1 सुगंध 2 वरक्खय 3 जल 4 फल 5 नेवेज 6 धुव 7 दीवेहिं 8 अट्ठविहां जिणपूआ देइ सिवं अट्ठभवमज्झे // 3 / 221 // बंभाहिअसुक्खफलं कट्ठतवेहिं पि जं विणा नेव। जेण य सिवं पि लब्भइ भयह जिणं तं च जिणधम्मं // 3222 // 161