________________ // 463 // धन्ना जिणवयणाई सुणंति धन्ना कुणंति निसुयाई / धन्ना पारद्धं ववसिऊण मुणिणो गया सिद्धि // 459 // दुक्करमेएहि कयं, जेहिं समत्थेहिं जोव्वणत्थेहिं / भग्गं इंदियसेन्नं, धिइपायारे विलग्गेहिं // 460 // जम्मं पि ताण थुणिमो हिमं व विप्फुरिय झाणजलणम्मि / तारुण्णभरे मयणो जाण सरीरम्मि निविलीणो // 461 // जे पत्ता लीलाए कसायमयरालयस्स परतीरं / ताण सिवरयणदीवं-गमाण भदं मुर्णिदाणं // 462 // पणमामि ताण पयपंकयाई धण-खंद-पमुहसाहूणं / मोहसुहडाहिमाणो लीलाए नियत्तिओ जेहिं इय एवमाइउत्तम-गुणरयणाहरणभूसियंगाणं / . धीरपुरिसाण नमिमो तियलोयनमंसणिज्जाणं // 464 // भवरनम्मि अणंते कुमग्गसयभोलिएण कहकह.वि / जिणसासणसुगइपहो पुन्नेहिं मए समणुपत्तो . // 465 // आसन्ने परमपए पावेयव्वम्मि सयलकल्लाणे / जीवो जिणिदभणियं पडिवज्जइ भावओ धम्म // 466 // मणुयत्तखित्तमाईहिं विविहहेऊहिं लब्भए एसो / समए य अइदुलंभं भणियं मणुयत्तणाईयं // 467 // माणुस्स खेत्त जाई कुलरूवारोग्ग आउयं बुद्धी। सवणोग्गह सद्धा संजमो य लोयम्मि दुलहाई // 468 // अवरदिसाए जलहिस्स कोइ देवो खिवेज्ज किर समिलं / पुव्वदिसाए उ जुगं तो दुलहो ताण संजोगो // 469 // अवि जलहिमहाकल्लोलपेल्लिया सा लभेज्ज जुगछिड्डे / / मणुयत्तणं तु दुलहं पुणो वि जीवाणऽउन्नाणं . 127 // 470 //