________________ पर असुहाणि वि जलकोद्दववत्थप्पमुहाणि सयलवत्थूणि / सक्कारवसेण सुहाई होति कत्थइ खणद्धेणं // 423 // इय खणपरियत्तंते पोग्गलनिवहे तमेव इह वत्थु / मन्नामि सुई पवरं जं जिणधम्मम्मि उवयरइ // 424 // तो मुत्तूण दुगुंछं उम्मायकरं कयंबविप्प व्व। देहं च बज्झवत्थं च कुणह उवयारयं धम्मे . // 425 // चउदसरज्जू उड्ढायओ इमो वित्थरेण पुण लोगो। कत्थइ रज्जं कत्थ वि य दोन्नि जा सत्तं रज्जूओ .. // 426 // निरयावाससुरालयअसंखदीवोदहीहिं कलियस्स। तस्स सहावं चितेज्ज धम्मज्झाणत्थमुवउत्तो // 427 // अहवा लोगसभावं भावेज्ज भवंतरम्मि मरिऊण। जणणी वि हवइ धूया धूया वि हु गेहिणी होइ // 428 // पुत्तो जणओ जणओ वि नियसुओ बंधुणो वि होंति रिऊ। अरिणो वि बंधुभावं पावंति अणंतसो लोए // 429 // पियपुत्तस्स वि जणणी खायइ मंसाइं भवपरावत्ते / जह तस्स सुकोसलमुणिवरस्स लोयम्मि कट्ठमहो. // 430 // केवलदुहनिम्मविए पडिओ संसारसायरे जीवो। जं अणुहवइ किलेसं तं आसवहेउयं सव्वं // 431 // रागद्दोसकसाया पंच पसिद्धाइं इंदियाइं च / हिंसालियाइयाणि य आसवदाराई कम्मस्स // 432 // रागद्दोसाण धिरत्थु जाण विरसं फलं मुणतो वि। पावेसु रमइ लोओ आउरवेज्जो व्व अहिएसु // 433 // धम्मं अत्थं कामं तिन्नि वि कुद्धो जणो परिच्चयइ। . आयरइ ताई जेहि य दुहिओ इह परभवे होइ / // 434 // 124,