________________ जीवंतो वि हु उवरि दाउं दहणस्स दीणहियओ य।। काऊण भडित्तं अँजिओऽसि तेहिं चिय तहिं पि // 231 // अन्नोऽन्नगसणवावार निरय अइकूर जलयरारद्धो। तसिओ गसिओ मुक्को लुक्को दुक्को य गिलिओ य // 232 // बिडिसग्गनिसिय आमिसलवलुद्धो रसणपरवसो मच्छो / गलए विद्धो सत्थेण छिदिउं भुंजिउं भुत्तो // 233 // पियपुत्तो वि हु मच्छत्तणं पि जाओ सुमित्तगहवइणा / बिडिसेण गले गहिओ मुणिणा मोयाविओ कंह वि // 234 // पक्खिभवेसु गसंतो गसिज्जमाणो य सेसपक्खीहिं। दुक्खं उप्पायंतो उप्पन्नदुहो य भमिओसि // 235 // खरचरणचवेडाहि य चंचुपहारेहिं निहणमुवणेंतो। निहणिज्जतो य चिरं ठिओ सि ओलावयाईसु // 236 / / पासेसु जलियजलणेसु कू(ड)जं तेसु य आमिसलवेसु / पडिओ अन्नाणंधो बद्धो खद्धो निरुद्धो य . // 237 / / पडिकुक्कुडनहरपहारफुट्टनयणो विभिन्नसव्वंगो। . निहणं गओसि बहुसो वि जीव ! परकोउयकएण! // 238 // झीणो सरिउं सपिययमाए रमियाइं सालिछेत्तेसु / / खित्तो गोत्तीइ व पंजरट्ठिओ हंत कीरत्ते __ // 239 // भमिओ सहयारवणेसु पिययमापरिगएण सच्छंदं / सरिऊण पंजरगओ बहुं विसन्नो विवन्नो य // 240 // गहिओ खरनहरबिडालियाए आयड्ढिऊण कंठम्मि / चिल्लंतो बिलवंतो खद्धो सि तर्हि तयं सरसु // 241 // तत्थेव य सच्छंदं मुद्दियलयमंडवेसु हिंडंतो। .. जणएण पासएहिं बद्धो खद्धो य जणणीए ' // 242 // 108