________________ तत्ततउमाइयाई खिवंति सवणेसु तह य दिट्ठीए। संतावुव्वेयविधायहेउरूवाणि दंसंति // 159 // वसमंसजलणमुम्मुरपमुहाणि विलेवणाणि उवणेति / उप्पाडिऊण संदंसएण दसणे य जीहं च - // 160 // तत्तो भीमभुयंगम पिवीलियाईणि तह य दव्वाणि / असुईउ अणंतगुणे असुहाई खिवंति वयणम्मि . // 161 / / सोवंति वज्जकंटयसेज्जाए अगणिपुत्तियाहि समं / परमाहम्मिय जणियाउ एवमाई य वियणाओ // 162 // एसो मह पुव्ववेरि त्ति नियमणे अलियमवि विगप्पेउं / अवरोप्परं पि घायंति नारया पहरणाईहिं // 163 // सीओसिणाइ वियणा भणिया अंना वि दसविहा समए / खेत्ताणुभावजणिया इय तिविहा वेयणा नरए // 164 // तत्तो कसिणसरीरा बीभच्छा असुइणो सडियदेहा / नीहरिय अन्तमाला भिन्नकवाला लुलंगा य . // 165 // दीणा सव्वनिहीणा नपुंसगा सरणवज्जिया खीणा। चिटुंति निरयवासे नेरइया अहव किं बहुणा? // 166 // अच्छिनिमीलणमेत्तं नत्थि सुहं दुक्खमेव अणुबद्धं / नरए नेरइयाणं अहोनिसिं पच्चमाणाणं // 167 // तत्थ य सम्मदिट्ठी पायं चिंतंति वेयणाऽभिहया। मोत्तुं कम्माइं तुमं मा रूससु जीव ! जं भणियं // 168 // सव्वो पुव्वकयाणं कम्माणं पावए फलविवागं / अवराहेसु गुणेसु य निमित्तमेत्तं परो होइ - // 169 // धारिज्जइ एंतो जलनिही वि कल्लोलभिन्नकुलसेलो। न हु अन्नजम्मनिम्मिय सुहासुहो देव्वपरिणामो // 170 // . 102