________________ तइया परजुवईणं चोरियरमियाइं मुणसि सुहियाइं। अइरत्तो वि य तासिं मारसि भत्तारपमुहे य . // 135 // सोहग्गेण य नडिओ कूडविलासे य कुणसि ताहि समं / . . इण्हिं तु तत्ततंबयधिउल्लीयाणं पलाएसि // 136 // परकीय च्चिय भज्जा जुज्जइ निययाइ माइ-भगिणीओ। एवं च दुव्वियड्ढत्तगविओ वयसि सिक्खविओ // 137 / / पिंडेसि असंतुट्ठो बहुपावपरिग्गहं तया मूढो। . आरंभेहि य तूससि रूससि किं एत्थ दुक्खेहि ? // 138 // आरंभपरिग्गहवज्जियाण निव्वहइ अम्ह न कुडुम्बं / .. इय भणियं जस्स कए आणसु तं दुहविभागत्थं // 139 // भरिउं पिपीलियाईण सीवियं जइ मुहं तुहऽम्हेहिं / तो होसि पराहुत्तो भुंजसि रयणीई पुणमिटुं // 140 // पियसि सुरं गायंतो वक्खाणंतो भुयाहिं नच्चंतो। इह तत्ततेलतंबयतऊणि किं पियसि न? हयास ! // 141 // सूलारोवण-नेत्तावहारकरचरणछेयमाईणि। . रायनिओए कुंठत्तणेण लंचाइगहणाई // 142 // नयरारक्खिय भावे य बंधवहाहणणजायणाईहिं। नाणाविहपावाई काउं कि कंदसि इयाणि ? // 143 // गुरुदेवाणुवहासो विहिया आसायणा वयं भग्गं / लोओ य गामकूडत्तणाइभावेसु संतविओ // 144 // इय जइ नियहत्थारोवियस्स तस्सेव पावविडविस्स। भुंजसि फलाई रे दुट्ठ ! अम्ह ता एत्थ को दोसो ? // 145 // इच्चाइ पुव्वभवदुक्कयाइं सुमराविउं निरयपाला। पुणरवि वियणाउ उईरयंति विविहप्पयारेहि . // 146 // 100