________________ // 75 // // 76 // // 77 // // 78 // // 79 // // 80 // भिन्नते भावाणं उवयारऽवयारभावसंदेहे / किं सयणेसु ममत्तं ? को य पओसो परजणम्मि? पवणो व्व गयणमग्गे अलक्खिओ भमइ भववणे जीवो। ठाणे ठाणम्मि समज्जिऊण धणसयणसंघाए जह वसिऊणं देसियकुडीइ एक्काइ विविहपंथियणो / वच्चइ पभायसमए अन्नन्नदिसासु सव्वो वि जहवा महल्लरुक्खे पओससमए विहंगमकुलाई। वसिऊण जंति सूरोदयम्मि ससमीहियदिसासु अहवा गावीओ वणम्मि एगओ गोवसनिहाणम्मि / चरिउं जह संझाए अन्नन्नघरेसु वच्चंति इयकम्मपासबद्धा विविहट्ठाणेहिं आगया जीवा / वसिउं एगकुडुम्बे अन्नन्नगईसु वच्चंति इय अन्नत्तं परिचिंतिऊण घरघरणिसयणपडिबंधं / मोत्तूण नियसहाए धणो व्व धम्मम्मि उज्जमसु नारयतिरियनरामरगईहिं चउहा भवो विणिद्दिट्ठो / तत्थ य निरयगईए सरूवमेवं विभावेज्जा रयणप्पभाइयाओ एयाओ तीइ सत्त पुढविओ। सव्वाओ समंतेणं अहो अहो वित्थरंतीओ तीस पणवीस पनरस दसलक्खा तिन्नि, एग पंचूणं / पंच य नरगावासा चुलसीइलक्खाइं सव्वासु तेणं नरयावासा अंतो वट्टा बहिं तु चउरंसा / हेट्ठा खुरुप्प संठाणसंठिया परमदुग्गंधा असुई निच्चपइट्ठियपूयवसा मंसरुहिरचिक्खिल्ला / धूमप्पभाइ केवि य जाव निसग्गेण अइउसिणा // 81 // // 82 // / / 83 // // 84 // // 85 // // 86 //