________________ // 87 // // 88 // // 89 // // 90 // // 91 // // 92 // परओ निसग्गओ च्चिय दुसहमहासीयवेयणाकलिया। निच्चंधयारतमसा नीसेसदुहायरा सव्वे - जइ अमरगिरिसमाणं हिमपिंडं को वि उसिणनरएसु / खिवइ सुरो तो खिप्पं वच्चइ विलयं अपत्तो वि धमिय कयअग्गिवन्नो मेरुसमो जइ पड़ेज्ज अयगोलो। परिणामिज्जइ सीएसु सो वि हिमपिंडरूवेण / अइकढिणवज्जकुड्डा होंति समंतेण तेसु नरएसु / संकडमुहाई घडियालयाई किर तेसु भणियाई मूढा य महारंभं अइघोरपरिग्गहं पणिदिवहं। . काऊण इहऽन्नाणि वि कुणिमाहाराइं पावाई पावभरेणोक्कंता नीरे अयगोलउ व्व गंयसरणा / वच्चंति अहो जीवा निरए घडियालयाणंतो' अंगुलअसंखभागो तेसि सरीरं तहिं हवइ पढमं / अंतोमुहुत्तमेत्तेण जायए तं पि हु महल्लं. पीडिज्जइ सो तत्तो घडियालयसंकडे अमायंतो / पीलिज्जंतो हत्थि व्व घाणए विरसमारसइ तं तह उप्पण्णं पासिऊण धावंति हट्टतुट्ठमणा। रे रे गिण्हह गिण्हह एवं दुटुंति जंपंता छोल्लिज्जंतं तह संकडाउ जंताओ वंससलियं व। धरिऊण खुरे कड्ढंति पलवमाणं इमे देवा अंबे अंबरिसी चेव, सामे य सबलेत्तिय / रूद्दोवरुद्द काले य, महाकाले त्ति आवरे असि पत्तेधणू कुंभे, वालू वेयरणि त्ति य / खरस्सरे महाघोसे, पनरस परमाहम्मिया // 93 // // 94 // // 95 // // 96 // // 97 // // 98 //