________________ सवाद // 67 // एको च्चिय पुण भारं वहेइ ताडिज्जए कसाईहिं। उप्पण्णो तिरिएसुं महिसतुरंगाइजाईसु // 63 // दुट्ठकुडुम्बस्स कए करेइ नाणाविहाई पावाई। भवचक्कम्मि भमंतो एक्को च्चिय सहइ दुक्खाई // 64 // सयणाइवित्थरो मह एत्तियमेत्तो त्ति हरिसियमणेण / ताण निमित्तं पावाई जेण विहियाई विविहाई - // 65 // नरय तिरियाइएसुं तस्स वि दुक्खाइं अणुहवंतस्स / दीसइ न को वि बीओ जो अंसं गिण्हइ दुहस्स // 66 // भोत्तूण चक्किरिद्धि वसिउं छक्खंडवसुहमज्झम्मि। एक्को वच्चइ जीवो मोत्तूं विहवं च देहं च एक्को पावइ जम्मं वाहिं वुड्डत्तणं च मरणं च। एक्को भवंतरेसुं वच्चई को कस्स किर बीओ? // 68 // इय एक्को च्चिय अप्पा जाणिज्जसु सासओ तिहुयणे वि। थक्कंति महुनिवस्स व जणकोडीओ विसेसाओ ... // 69 // अन्नं इमं कुडुम्बं अन्ना लच्छी सरीरमवि अन्नं / . . मोत्तुं जिणिदधम्मं न भवंतरगामिओ अनो विनाया भावाणं जीवो देहाइयं जडं वत्थु / जीवो भवंतरगई थक्कंति इहेव सेसाई // 71 // जीवो निच्चसहावो सेसाणि उ भंगुराणि वत्थूणि / विहवाइ बज्झहेउब्भवं च निरहेउओ जीवो // 72 // बंधइ कम्मं जीवो भुंजेइ फलं तु सेसयं तु पुणो। धणसयणपरियणाई कम्मस्स फलं च हेउं च // 73 // इय भिन्नसहावत्ते का मुच्छा तुज्झ विहवसयणेसु?। किं वा वि होजिमेहिं भवंतरे तुह परित्ताणं? // 74 // // 70 // 64