________________ मरणे वि दीणवयणं, माणधरा जे नरा न जंपंति / ते वि हु कुणंति लल्लिं, बालाणं नेहगहगहिला .. // 66 // सक्को वि नेव खंडइ, माहप्पमडुप्फुरं जए जेसि। ते वि नरा नारीहिं, कराविआ निअयदासत्तं .. // 67 // जउनंदणो महप्पा, जिणभाया वयधरो चरमदेहो / रहनेमि राईमई, रायमई कासि ही विसया // 68 // मयणपवणेण जइ, तारिसां वि सुरसेलनिच्चला चलिया / ता पक्कपत्तसत्ताण, इअरसत्ताण का वत्ता . // 69 // जिप्पंति सुहेणं चिय, हरिकरिसप्पाइणो महाकूरा। इक्कु च्चिय दुज्जेओ, कामो कयसिवसुहविरामो // 70 // विसमा विसयपिवासा, अणाइ भवभावणाइ जीवाणं / अइदुज्जेयाणि इंदिआणि, तह चंचलं चित्तं // 71 // कलमल- अरइ- असुक्खं, वाही दाहाइ विविहदुक्खाई। मरणं पि अ विरहाइसु, संपज्जइ कामतवियाणं // 72 // पंचिंदियविसयपसंग करेसि, मणवयणकाय न वि संवरेसि। तं वाहिसि कत्तिअ गलपएसि, जं अट्ठकम्म न वि निज्जरेसि।। 73 // किं तुमंधो सि किं वा सि धत्तुरिओ, अहव किं सन्निवारण आऊरियो। अमयसमधम्म जं विसव अवेमन्नसे, विसमविसविसय अमियं व बहुमन्नसे // 74 // तुज्झ तह नाणविन्नाणगुणडंबरो जलणजालासु निवडंतु जिय निब्भरो। पयइवामेसु कामेसु जं रज्जसे, जेहिं पुण पुण विनिरयानले पच्चसे॥७५ दहइ गोसीससिरिखंड छारक्कए, छगलगहणट्ठमेरावणं विक्कए। कप्पतरुतोडिएरंड सो वावए, जुज्जि विसएहि मणुअत्तणं हारए // 76 60