________________ निअंगमाहिं सुपउराहिं उप्पिच्छमंथरगइहिं / . महिलाहिं निम्मगाहि व, गिरिवरगरुआ वि भिज्जंति // 42 // विसयजलं मोहकलं, विलासबिब्बोअजलयराइन्नं / मयमयरं उत्तिन्ना, तारुण्णमहन्नवं धीरा // 43 // जइ वि परिचत्तसंगो, तवतणुअंगो तहा वि परिवडइ। महिलासंसग्गिए, कोसाभवणूसिय मुणि व्व // 44 // सव्वग्गंथविमुक्को, सीईभूओ पसंतचित्तो अ। . जं पावइ मुत्तिसुहं, न चक्कवट्टी वि तं लहइ // 45 // खेलम्मि पडिअमप्पं, जह न तरइ मच्छिा वि मोएउं। तह विसयखेलपडिअं, न तरइ अप्पं पि कामंधो // 46 // जं लहइ वीअराओ, सुक्खं तं मुंणइ सुच्चिय न अनो। नहि गत्तासूअरओ, जाणइ सुरलोइअं सुक्खं जं अज्ज वि जीवाणं, विसएसु दुहासवेसु पडिबंधो / तं नज्जइ गुरुआण वि, अलंघणिज्जो महामोहो .. जे कामंधा जीवा, रमंति विसएसु ते विगयसंका। जे पुण जिणवयणरया, ते भीरु तेसु विरमंति // 49 // असुइमुत्तमलपवाहरूवयं, वंतपित्तवसमज्जफोफसं / .... मेयमंसबहुहड्डकरंडयं, चम्ममित्तपच्छाइअं जुवइअंगयं // 50 // मंसं इमं मुत्तपुरिसमीसं, सिंघाणखेलाइअनिज्झरंतं / एअं अणिच्वं किमिआण वासं, पासं नराणं मइबाहिराणं // 51 // पासेण पंजरेण य, बझंति चउप्पया य पक्खीइ। . इय जुवइपंजरेण य, बद्धा पुरिसा किलिस्संति // 52 // अहो ! मोहो महामल्लो, जेण अम्हारिसा वि हु[.. जाणंता वि अणिच्चत्तं, विरमंति न खणं पि हु . // 53 // // 48 // 88