________________ // 77 // बहुमंततंतचवणा, कुगहकुहेडयकुदंसणविलग्गा / कुमइकुदिटुंतेहि अ, बोहिं न लहंति इअमाई / / 72 // जह कप्परुक्खतरूणं, सरिसनामेण अंतरं गरुअं। तह जणजिणधम्मेसु वि, समनामे अंतरं गरुअं // 73 // जहघरघट्टचिंता - मणीण पाहाणसरिसनामेहि। कंचणलुट्ठाणं तह, जाणिज्जा अंतरं गरुअं // 74 // एवं च नामसामण्णयाइ, विउसो न लग्गए धम्मे। सुपरिक्खिउ त्ति काउं, नाउं परमत्थओ लेइ // 75 // जो रीरीति काऊण, कंचणं लेइ वण्णनडिअंगं / सो विक्कयम्मि घट्टो, बहु झुरइ अणायपरमत्थो / / 76 // कणयं पि जो कलित्ता, कसच्छेउं ताविऊण तं लेइ।। छिज्जइ न परिक्खन्नू, एवं धम्मे वि जो कुसलो दीसंति दाणी सुहडा, अइविउसा के वि के वि रूवी वि।। परमत्थवत्थुगहणिक्क- लालसा के वि दीसंति. बावत्तरिकलाकुसला, कसणाए कणयरययरयणाणं / चुकंति धम्मकसणा, तेसिं वि धम्मु त्ति दुन्नेउ // 79 // ते धन्ना कयपुण्णा, जीवा तेलुकभवसमुद्दम्मि। जे धम्मबोहिरयणं, लहंति सिवसंपयनिहाणं // 80 // धम्मेण होइ राया, चक्कहरो नवनिहीसरो गरुओं। चउदसरयणाहिवई, भारहछक्खंडभत्तारो // 81 // बलदेव-वासुदेवत्तणाइ, खयरत्तणाई पावंति / काऊण तवविसेसं, हुंति सुरिंदा वि धम्मेणं // 82 // धम्मेण असुरवंतर - जोइसवेमाणिअत्तणाई पि / लब्भंति इच्छिआई, सुक्खाई जाई तेलुक्के // 83 // 137 // 78 //