________________ अन्ने अकम्मभूमी, संभूआ न हु लहंति ते बोहिं।। छप्पन्नंतरदीवा, बोही तेसि पि दुल्लंभो // 60 // अन्ने धम्माभिमुहा, धम्मस्स विसेसयं अयाणंता / न लहंति बोहिलाभं, हिंडंति कुधम्मिधम्मिहुआ : // 61 // कुच्छियदेवाराहग, कुलिंगधारी कुतित्थरइ निच्चं। कुच्छियआगमभाविअ, सुधम्मबोंही न पावंति // 62 // दुट्ठत्तणेण जडत्तणेण, दुविअड्ढपंडिअत्तेणं / संसारसूअरत्तेण, केइ बोहिं न पावंति - // 63 // आलस्सोवहया अन्ने, अन्ने मोहेण मोहिआ पावा। ... रागाइहया अन्ने, बोही तेसि पि दूरेण // 64 // अन्ने माणोवहया, अवनवाएण अट्ठमयधिट्ठा। बोहिबाहिरा ते वि, हुंति संसारखुड्किरो // 65 // कोहणसीला अन्ने, सप्पा इव मिसिमिसिति पडिणीया / ताणं कत्तो बोही, अबोहीलाभेण पडिबद्धा // 66 // अन्ने वि मत्तबाला, अन्ने पंचंगविसयतल्लिच्छा। अन्ने कसायपरिगया, अन्ने निद्दालसोवहया // 67 // एगे भत्तकहाए, चोरकहाए अ जणवयकहाए। अच्छंति विगहबद्धा, अइदुलहा बोहि तेसि पि // 68 // किवणत्तणेण अन्ने, भएण नाणाविहेण पडिबद्धा / न लहंति बोहिलाभं, सोगेण य सल्लिआ अन्ने // 69 // अन्नाणोवहया अन्ने, सेअं किसणं पि जाण समसरिसं। . ते वि न लहंति बोहिं, संसारबइल्ल ते दुपया अन्ने वि कुऊहलिणो, दिसिदेसुजाणपव्वयवणेसुं। . पिच्छणयगीअवाइअ, अइहासरसिक्कपडिबद्धा . // 71 // // 70 // 135