________________ // 3 // // 4 // अज्ञातकर्तृकम् ॥देशनाशतकम् // संसारे नत्थि सुहं, जम्मजरामरणरोगसोगेहिं / तह वि हु मिच्छंधजिआ, न कुणंति जिणिंदवरधम्म // 1 // माइंदजालसरिसं, विज्जुचमक्कारसत्थहं सव्वं / सामण्णं खणदिटुं, खणनटुं कोत्थ पडिबंधो // 2 // को कस्स इत्थ सयणो, को व परो भवसमुद्दभमणम्मि / मच्छु व्व भमंति जिआ, मिलंति पुण जंति अइदूरं जम्मे जम्मे सयणा - वलीउ मुक्काउ जाउ जीवेण / ताओ सव्वागासे, संगहियाओ न मायंति जीवेण भवे भवे, मिल्हिआइं देहाइं जाइं संसारे / ताणं न सागरेहिं, कीरइ संखा अणंतेहिं // 5 // तेलुक्कं पि असरणं, आहिंडइ विविहजोणिपविसंतं / लुक्कतं पि न छुट्टइ, जम्मजरामरणरोगाणं . // 6 // छंडे वि सयणवग्गं, घरसारपवित्थरं पि सयलं पि। संसारअपारवहे, अणाहपहिअ व्व जाइ जिओ वायहयपंडुपत्ताणं, संचयं जाइ दसदिसि जेम। इ8 पि तह कुडुंब, सकम्मवायाहयं जाइ.. हा माया हा बप्पो, हा बंधू हा पणइणी सुओ इट्ठो / पिक्खंतस्स वि सव्वं, मरइ कुटुंबं सकरुणस्स // 9 // अहवा कुडुंबमझे, अइदइओ वाहिवेयणाभिहओ। सलसलइ वाहिमुम्मुरं-मज्झगओ वडहपोअ व्व // 10 // सयणा न लिंति विअणं, न विज्ज ताणं कुणंति ओसहिणा। मच्चूवग्घेण जिओ, निज्जइ जअ हरिणपोअ व्व // 11 // . 131 // 7 // // 8 //