________________ // 41 // // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // // 46 // सुत्तं भासंताणं णिच्चं हिययट्ठिओ हवइ भयवं। हिययट्ठिअम्मि तम्मि य णियमा कल्लाणसंपत्ती हिययट्ठिओ अ भयवं छिंदइ कुविगप्पमत्तभत्तस्स। तयभत्तस्स उ तम्मि वि भत्तिमिसा होइ कुविगप्पो जेणं भणंति केई जोगाउ कयावि जस्स जीववहो / सो केवली ण अम्हं सो खलु सक्खं मुसावाई ते इय पज्जणुजुज्जा कह सिद्धो हंदि एस णियमो भे। जोगवओ दुव्वारा हिंसा जमसक्कपरिहारा खीणे मोहे णियमा गरहाविसओ ण होइ किच्चंति। . सा ण जिणाणं ति मई दव्ववहे होइ णिव्विसया अकरणणियमावेक्खं एवं भणिति अपडिसेवाए। इत्तो जिणाण सिद्धी ण उ दव्ववहस्स पंडिसेहो परिणिट्ठियवयणमिणं जं एसो होइ खीणमोहम्मि / उवसमसेढीए पुण एसो परिणिंटिओ ण हवे / दव्वासवस्स विगमो गरहाविसयस्स जइ तहिं इट्ठो / ता भावगयं पावं पडिवन्नं अत्थओ होइ। णियणियकारणपभवा दव्वासवपरिणई ण मोहाओ। इहरा दव्वपरिग्गहजुओ जिणो मोहवं हुज्जा एएणं दव्ववहे जिणस्स हिंसाणुबंधसंपत्ती। इय वयणं पक्खित्तं सारक्खणभावसारिच्छा अववाओवगमे पुण इत्थं नूणं पइण्णहाणी ते / पावंति असुहजोगा एवं च जिणस्स तुज्झ मए अणुसंगयहिंसाए जिणस्स दोसं तुहं भणंतस्स। साहूण वि आभोगा णइउत्ताराइ विहडिज्जा // 47 // // 48 // // 49 // // 50 // // 52 // co