________________ // 54 // वज्जतो अ अणिटुं जलजीवविराहणं तहिं सक्खं / जलजीवाणाभोगं जंपंतो किं ण लज्जेसि // 53 // जलजीवाणाभोगा इउत्तारम्मि जइ ण तुह दोसो। पाणे वि.तस्स ता सो मूलच्छेज्जो ण हुज्जाहि नणु आभोगा इत्थं विरयाणं हुज्ज देसविरयत्तं / णेवं जं पडिपुना पडिवत्ती सुत्तआणा य // 55 // तम्हा दव्वपरिग्गह-दव्ववहाणं समम्मि(मेवि) आभोगे। ण हु दोसो केवलिणो केवलनाणे व चरणे वा // 56 // णोदव्वा णोभावा जह तह हिंसा ण दव्वमित्तेणं / तेणं तीए दोसं जिणस्स को भासए सण्णी // 57 // पयडं चिय वयणमिणं दट्ठव्वं होइ कप्पभासस्स। . जं अपमत्ताईणं सजोगिचरमाण णो हिंसा / / 58 // हिसगभावो हुज्जा हिसष्णियजोगओक्ति तकस्स। दाएउं इय भणिअं पसिढिलमूलत्तणं दोसं . // 59 // आपायगाऽपसिद्धी ण य भणिया वत्थच्छेय अहिगारे। ता तस्संमइवयणं पण्णत्तीए ण अण्णटुं // 60 // किरिआओ अंतकिरियाविरोहिणीओ जिणेण भणिआओ। आरंभाइजुआओ मंडियपुत्तेण पुढेणं // 61 // आरंभाइजुअत्तं तस्सत्तीए फुडेहि ण उ तेहि। तस्सत्तीविगमे पुण जोगणिरोहो अपडिबद्धो // 62 // पोग्गलपणोल्लणाए जो आरंभो इमीइ किरियाए / णियमा मुणीण भणिओ सस्सिअनाएण सोऽदुट्ठो // 63 // सो केवलिणो वि हवे चलोवंगरणत्तणं जमेयस्स / सहगारिवसा णिययं पायं थूलाइ किरियाए // 64 // 1