________________ // 24 // // 25 // // 26 // // 27 // // 28 // // 29 // णाइक्कमित्तु रूढिं, जा जोगत्थेण णिच्छयं कुणइ / सम्मयसच्चा एसा, पंकयभासा जहा पउमे ठवणाए वटुंती, अवगयभावत्थरहियसंकेया / ठवणासच्चा भन्नइ, जह जिणपडिमाइ जिणसद्दो भावत्थविहूण च्चिय, णामाभिप्पायलद्धपसरा जा / सा होइ णामसच्चा, जह धणरहिओ वि धणवंतो एमेव रूवसच्चा, णवरं णामम्मि रूवअभिलावो / ठवणा पुण ण पक्ट्टइ, तज्जातीए सदोसे अ अविरोहेण विलक्खण-पडुच्चभावाण दंसिणी भासा / भन्नइ पडुच्चसच्चा, जह एगं अणु महंतं च / भिण्णणिमित्तत्तणओ, ण य तेसिं हंदि भण्णइ विरोहो / वंजयघडयाईयं, होइ णिमित्तं पि इह चित्तं ते होंति परावेक्खा, वंजयमुहदंसिणो त्ति ण य तुच्छा / दिट्ठमिणं वेचित्तं, सरावकप्यूरगंधाणं ववहारो हु विवक्खा, लोगाणं जा पउज्जए तीए / . पिज्जइ णईय डज्झइ, गिरि त्ति ववहारसच्चा सा सा होइ भावसच्चा, जा सदभिप्पायपुव्वमेवुत्ता / जह परमत्थो कुंभो, सिया बलाया य एस त्ति सा. होइ जोगसच्चा, उवयारो जत्थ वत्थुजोगम्मि / छत्ताइअभावे वि हु, जह छत्ती कुंडली दंडी चरियं च कप्पियं तह, उवमाणं दुविहमेत्थ णिद्दिटुं / कप्पियमवि रूवयमिव, भावाबाहेण ण णिरत्थं आहरणे तद्देसे, तद्दोसे तह पुणो उवन्नासे / एक्केक्कं तं चउहा, णेयं सुत्ताउ बहुभेयं // 30 // // 31 // // 32 // // 33 // // 34 // // 35 //