________________ // 1 // // 2 // // 3 // // 4 // // 5 // // भाषारहस्यम् // पणमिय पासजिणिन्दं, भासरहस्सं समासओ वुच्छं। जं नाऊण सुविहिआ, चरणविसोहि उवलहन्ति नामाई निक्खेवा, चउरो चउरेहि एत्थ णायव्वा / दव्वे तिविहा गहणं, तहय निसिरणं पराघाओ गेण्हइ ठियाई जीवो, णेव य अठियाई भासदव्वाइं। दव्वाइचउविसेसो, णायव्वो पुण जहाजोगं पुट्ठोगाढअणंतर अणुबायरउड्डमहतिरियगाई। आइविसयाणुपुव्वीकलिआई छद्दिसि चेव भिन्नाइ कोइ णिसिरइ, तिव्वपयत्तो परो अभिन्नाई। भिन्नाइ जंति लोगं, अणंतगुणवुड्डिजुत्ताई भिज्जंति अभिन्नाई, अवगाहणवग्गणा असंखिज्जा। गंतुं व जोयणाइं, संखिज्जाइं विलिज्जंति . से भेए पंचविहे खंडे पयरे अ चुनिआभेए। अणुतडियाभेए तह, चरिमे उक्करिआभेए अयखंडवंसपिप्पलिचुण्णदहेरंडबीअभेअसमा। एए भेअविसेसा, दिट्ठा तेलुक्कदंसीहिं हुंति अणंतगुणाई, दव्वाइं इमेहि भिज्जमाणाई / पच्छाणुपुविभेआ, सव्वत्थोवाई चरमाइं दव्वेहिं णिसिद्धेहि, तप्पाओगाण किर पराघाओ। वीसेढीए इक्को, मीसो य समाइ सेढीए पाहन्नं दव्वस्स य, अप्पाहनं तहेव किरिआणं / भावस्स य आलंबिय, गहणाइसु दव्वववएसो // 6 // // 7 // // 8 // // 9 // // 10 // // 11 //