________________ // 95 // // 96 // // 97 // // 98 // // 99 // // 100 / / बउसासेवीण समा, जहन्नया तेहिं पुण अणंतगुणा / उक्किट्ठा ते बउसासेविकसाईणऽणंतगुणा अजहन्नुक्कोस समा, णिग्गंथसिणायगाण दुण्हं पि / पुव्विल्लेहितो पुण, अणंतगुणिया इमे हुंति जोगो मणमाईओ, तत्थ चउण्हं हवंति तिण्णि वि ते / ण्हायस्स होइ भयणा, जं सो जोगी अजोगी य सागाराणागारो, उवओगो ते उ दो वि सव्वेसि / कोहाइआ कसाया, ते पुण चउरो वि आइतिए सकसाए चउरो वा, तिण्णि दुवे वा वि इक्कओ लोहो / खीणुवसंतकसाओ, णिग्गंथो तक्खए ण्हाओ लेसा किण्हाईआ, अंततिए तत्थ होइ आइतियं / सकसाओ छसु सुक्का, णियंठि बहाए परमसुक्का लेसाभावो व भवे, खुड्डुणियंठिज्जयम्मि पुण भणियं / लेसा उ पुलागस्सा, उवरिल्लाओ भवे तिण्णि. बउसपडिसेवयाणं, सव्वा लेसा हवंति णायव्वा / परिहारविसुद्धीणं, तिण्णुवरिल्ला कसाए य णिग्गंथसुहुमरागे, सुक्का लेसा तहा सिणाए / सेलेसीपडिवण्णो, लेसाईओ मुणेअव्वो एएसु छलेसाणं, भावपरावत्तिआ उ अभिहाणं'। पुव्वपडिवन्नओ जं, अण्णयरीए उ लेसाए णिगंथभावरूवो, परिणामो होइ वड्डमाणाई / वटुंतहायमाणयवट्ठिअपरिणामया तत्थ सकसायंता णो हीयमाणभावा णियंठयसिणाया / समयमवट्ठियभावो, जहन्न समया उ सत्तियरो // 101 // // 102 // // 103 / / // 104 // // 105 // // 106 // 71