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________________ // 83 // // 84 // // 85 // . // 86 // // 87 // / / 88 // ण्हाओ सिज्झइ एए, विराहगा हुंति अण्णयरगामी। इंदा सामाणिय तायतीसया लोगपाला वा अविराहगा जहण्णा, पलिअपुहुत्तं ठिई हवे तिण्हं। आइल्लाणुक्किट्ठा, जा जम्मि उ होइ सुरलोए / खुड्डागणियंठिज्जे, पलियपुहुत्तं ठिई चउण्हं पि। . सोहम्मम्मि उ भणिआ, जहन्नओं जं इमा गाहा सहसार अच्चुअम्मी, अणुत्तराणुत्तरे अ मुक्खम्मि। उक्कोसेणं हीणा, सोहम्मे णव उ पल्ला उ ठाणाई संजमो खलु, ताइं असंखिज्जयाइं पत्ते। हुंति चउण्हं ठाणं, इक्कं चिय दोण्ह चरिमाणं णिग्गंथसिणायाणं, तुल्लं इक्कं च संजमट्ठाणं / अकसाइअं तओ ते, पुलायबउसाणऽसंखगुणा पडिसेवगसकसायाण संखगुणिया तओ अ ते टुति / अण्णे णिग्गंथस्स वि, असंखठाणाइं इच्छंति .. संजोअणं णिगासो, पुलओ सट्ठाणि तत्थ पुलयसमो / हीणहिओ छट्ठाणा, परठाणि कसाइणो एवं हीणोऽणंतगुणेणं अण्णेहितो सठाणि बउसो य। पडिसेवकसाईण य, तुल्लो छट्ठाणवडिओ वा . पुलयाओऽणंतगुणो, णियंठण्हाएहिं णंतगुणहीणो। एवं सेविकसायी, कसाय वि पुलाय छट्ठाणी णिग्गंथसिणायाणं, दोण्ह वि तुल्लत्तणं तु सट्ठाणे / . परठाणेऽणंतगुणब्भहिअत्तं होइ इयरेहि सकसायपुलायाणं, जहन्नया पज्जवा समा थोवा। तेहितोऽणंतगुणा, उक्किट्ठा ते पुलायस्स // 89 // // 90 // // 91 // // 92 // . // 93 // // 94 //
SR No.004455
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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