________________ // 71 // // 72 // // 73 // // 74 // // 75 // // 76 // बज्झब्भंतरभेअं, लिंगं दव्वे य होइ भावे य। दव्वम्मि तिसु वि सव्वे, भावे सव्वे वि णियलिंगे जं सोहणमत्थपयं, अण्णत्थ वि होइ आयकज्जकरं। तं दिट्टिवायमूलं, पमाणमिय बिंति आयरिया ओरालाइ सरीरं, पढमो तिसु तत्थ दो य चरमिल्ला / सविउव्व बउससेवी, सकसायाऽऽहारगजुआ वि खित्तं कम्मधराई, तत्थ पुलाओ उ कम्मभूमीए / सेसा जम्मेण तर्हि, अण्णत्थ वि संहरणओ अ उस्सप्पिणिआई खलु, कालो जम्मेण तत्थ उ पुलाओ। तइयचउत्थसमासुं, णियमेणोसप्पिणीइ हवे; तह पंचमे वि अरए, सब्भावेणं इमो हविज्जाहि। उस्सप्पिणीइ बिइए, तइए अरए चउत्थे य जम्मेणं सब्भावा, तइअचउत्थेसु चेव सो हुज्जा / तिसु तइआसु एअं, दुहा वि अण्णे पुणो बिति ओसप्पिणीइ उस्सप्पिणीइ अरएसु तइअतुरिएसुं / ओसप्पिणिउस्सप्पिणिभिन्नम्मि दुहा चउत्थणिभे बउसकुसीला ओसप्पिणीइ अरएसु जम्मसब्भावे / तइआइसु तिसु उस्सप्पिणीइ बिइआइसु य जम्मे तइए तुरिए अ इमे, सब्भावे आइमो ब्व दो चरिमा। संहरणे अपुलाया, सव्वे सव्वेसु कालेसु पेच्चगमणं खलु गई, सा तिण्ह जहण्णओ उ सोहम्मे / पढमाणुक्कोसेणं, होइ पुलायस्स सहसारे बउसपंडिसेवगाणं, तु अच्चुएऽणुत्तरेसु सकसाओ। अजहन्नाणुक्कोसा, तेसु च्चिय गच्छइ णियंठो // 77 // // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // // 82 //