________________ नणु संजलणाणुदए, अइआरा आगमम्मि णिद्दिट्टा / तो स कसायकुसीलो, कहमप्पडिसेवगो भणिओ // 59 // कह तस्सासबलत्तं, णेवं पडिसेवगा य कह णिच्चं / हुंति पुलागाईआ, ते सुद्धा किं ण कइया वि? // 60 // मूलगुणासेवित्ते कह वा चरणस्स होइ सद्दहणं / तिसु सबलो मूलगुणे भणिओ तुरिए अणायारी // 61 // भन्नइ नियठाणकयं, 'णिययं पडिसेवगत्तमण्णं वा। पडिसेवगे सहावो, एसोऽपडिसेवगे णत्थि // 62 // इय सुत्तप्पामण्णा, स कसायकुसीलओ अपडिसेवी। . ..... णासबलत्तं तम्मि उ, कम्मोदयओ णियंठे व्व // 63 // णिच्चपडिसेवगत्तं, मूलगुणासेवणे वि चरणं च / एवं सहावसिद्धं, णेयं परिगिज्झ सुत्ताणं // 64 // नाणं मइनाणाई, तत्थ पुलाओ अ बउससेवी य / दुसु तिसु व केवली खलु, हाओ सेसा चउसु भज्जा // 65 / / पढमस्स जहन्नेणं, तइयं आयारवत्थु णवमस्स / पुव्वस्सुक्कोसेणं, पुन्नाइं नव त्ति पन्नत्ती // 66 // उक्कोसेण दस त्ति य, भणियं अण्णस्थिमस्स सुअनाणं / बउसकुसीलणियंठा, पवयणमाउसु जहन्नेणं // 67 // बउसपडिसेवगाणं, पुव्वाइं दसेव हुंति उक्कोसं। णिग्गंथकसाईणं, चउदस हाओ सुआईओ // 68 // तित्थं चाउव्वण्णे, संघे ठविअम्मि होइ तत्थ पुणो। तित्थम्मि तिण्णि पढमा, तित्थातित्थे उ अंततियं // 69 / / सव्वेसु वि तित्थेसुं, होंति पुलागाइया णियंठ त्ति। खुड्डागणियंठिज्जे, णिदंसियं तित्थदारम्मि // 70 // 68