________________ चरणट्ठा पुव्वगमो, ओसन्नोहाविए व कालगए / आयरियउवज्झाए, मग्गणया छव्विहोसन्ने // 47 // वत्तस्स दुहा इच्छा, चोआवेइ व गुरुं तु चोएइ / वट्टावेइ गणं सो, पयावणट्ठा व उद्दिसइ // 48 // सुअवत्ते वयऽवत्ते, आइरिए णोइए वऽणिच्छंते / गि संवच्छरमद्धं, कुल गण संघे दिसाबंधो // 49 // एवं पि अ अणुवरए, वयवत्तो अद्धपंचमे वरिसे / सयमेव धरेइ गणं, अणुलोमेणं च सारेइ // 50 // वट्टावेउं सत्ता, जइ थेरा संति तम्मि गच्छम्मि। दुहओ वत्तसरिसओ, णेओ गमओ तया तस्स // 51 // वत्तवओ उ अगीओ, थेराणं अंतिअम्मि गीआणं / पढइ अभावे तेसिं, गच्छइ अण्णत्थ चोइंतो // 52 // वट्टावगाणऽभावे, उभयावत्तो उ अण्णमुद्दिसइ। . संविग्गागीअत्थण्णयरुद्देसम्मि चउगुरुगा . // 53 // छट्ठाणविरहिअंपि हु, संविग्गं काहिआइदोसजुअं / सेवंते आणाई, चउरो अ तहा अणुग्घाया // 54 // ओहाविय कालगए, जाविच्छा ताहि उद्दिसावेइ / अव्वत्ते तिविहे वी, णियमा पुँण संगहट्ठाए . ओहावियओसन्ने, भणइ अणाहा वयं विणा.तुब्भे / कमसीसमसागरिए, दुप्पडिअरगं जओ तिण्हं जो जेण जम्मि ठाणम्मि ठाविओ दंसणे व चरणे वा। सो तं तओ चुअं तम्मि चेव काउं भवे निरिणो // 57 // तीसु वि दीवियकज्जा, विसज्जिआ जइ अ तत्थ तं णत्थि। णिक्खिविय वयंति दुवे, भिक्खू किं दाणि णिक्खिवइ ? // 58 // . . . . 51