________________ बितियपदेऽसंविग्गे, आगाढे कारणे य संविग्गे। गमणमणापुच्छाए, कप्पइ णाउं सहावं च // 23 // अविसज्जिओ वि गच्छे, अज्झयणच्छेअपयइनाणेहि। अविहिअणापुच्छागयपडिच्छदिसिबंधया एवं // 24 // सेहे पडिच्छए वा, पुव्वायरिअस्स खित्तिआणं वा / दिति दलिअम्मि णाए, ममत्तहेउं दिसाबंधं // 25 // आयरिए कालगए, परिअट्टतम्मि गच्छं तु / अपढ़ते य पढंते, भेआऽणेगा उ आभब्वे // 26 // वरिसतिगं ठाइ तहि, तओ जहिच्छं ठिई अणिम्माणे / सकुले तिनि तियाई, गणे दुगं वच्छरं संघे // 27 // सट्ठाणे पव्वज्जेगपक्खियस्सोवसंपयं कुणइ। छत्तीसाइक्कतो, ममत्तगुरुभावलज्जगुणा / // 28 // सव्वस्स वि कायव्वं, णिच्छयओ किं कुलं व अकुलं वा। संबंधो गुणहेऊ, तह वि हु थिरपीइहेउ त्ति // 29 // दिसमणुदिसं व भिक्खू, इत्तु च्चिअ एगपक्खिओ जुग्गो। धारेउं णिद्दिट्ठो, इत्तरिअं आवकहियं वा // 30 // भिक्खुअबोडिअणिण्हयपण्णवणं कोविओ असहमाणो / दसणदीवगहेडं, गच्छइ गच्छंतर अहवा // 31 // होउं बहुस्सुओ सो, विहिणा गच्छंतरम्मि संकंतो। परतित्थियणिग्गहओ, गुरुं कुसंगाओ मोएइ // 32 // चारित्तटुं गमणं, देसायसमुत्थदोसओ दुविहं / एसणथीसुं पढमं, गुरुम्मि गच्छे य बिइयं तु // 33 // भिक्खुम्मि इमं भणियं, विसेसिओ णियपयाण णिक्खेवा। होइ गणावच्छेइअआयरिआणं पि एस गमो // 34 // 40.