________________ गुरु लहुअछपणमासा, चउतिगमासा दुमासगुरुमासा / लहु मास भिन्न वीसं, पनरस दस पण नवावत्ती // 283 // सगवीसं खलु भेआ, णवहा पक्खेसु तिसु वि पत्तेअं। उक्किढुक्किट्ठाइअदाणेणं भिज्जमाणेसु // 284 // जिढे बारसदसमट्ठमा य मज्झि दसमट्ठमा छट्ठो। अट्ठमछट्ठचउत्था, गुरुपक्खि जहन्नए दाणं // 285 // दसमट्ठमछट्ठऽट्ठमंछट्ठचउत्था य हुंति लहुपक्खे। छट्ठचउत्थायामा, जिढे मज्झे जहन्ने य // 286 // अट्ठमछट्ठचउत्थं, छट्ठचउत्थंबिलं कमा लहुसे।. . खवणंबिलइक्कासणमिय अद्धक्कंति सगवीसा // 287 // एयं ता वासासुं, पुरिमंतं सिसिरकालि दसमाइ / निविअंतमट्ठमाई, गिम्हे इगसी इमें भेया // 288 // असहं तु पप्प इक्किक्कहासणे जा ठियं तु इक्किकं / हासिज्ज तं पि असहे, सट्ठाणा दिज्ज परठाणं // 289 // इय हिट्ठमहे हासे, निव्विइयं ठाइ अहव एमेव / सुद्धो भावे वि इम, णेयं पुरिसंतरं पप्प // 290 // आवन्नाणं दिज्जा, अहवा एगाइ जाव छम्मासं। तवकालगुरुअलहुअं, सझोसमियरं व जहपत्तं // 291 // तवकाले आसज्ज उ, गुरुओ वि लहू लहू वि होइ गुरू। कालो गिम्हो तवमट्ठमाइ गुरुअं लहू सेसा . . // 292 // दाणे णिरंतरे वा, लहुअंपि गुरुं गुरुं पि लहु इहरा / .. सुत्तविहिणाऽविलंबं, जं वुज्झइ तं तु हाडहडं // 293 // पट्ठविइआ य ठविया, कसिणाकसिणा तहेव हाडहडा / आरोवण पंचविहा, पायच्छित्तं पुरिसजाए . // 294 // 42