________________ अत्था वि हुंति एवं, बलिआ मुत्तूण णवरि छेयत्थं / मीसे वि गमो एसो, बलिअं पुवाओ पुव्वगयं . // 211 // परिकम्मेहि य अत्था, सुत्तेहि य जे य सूइआ तेसिं / होइ विभासा उवरिं, पुव्वगयं तेण बलिअं तु / // 212 // तित्थगरट्ठाणं खलु, अत्थो सुत्तं तु गणहट्ठाणं / अत्थेण य वंजिज्जइ, सुत्तं तम्हा उ सो बलवं // 213 // जम्हा उ होइ सोही, छेयसुयत्थेण खलिअचरणस्स। तम्हा छेयसुयत्थो, बलवं मुत्तूण पुव्वयं // 214 // अंतो ठिआण खित्तं, गणिआयरिआण दोसु गामेसु / वासासु होइ तं खलु, गमणागमणेहिँ णो बाहिं // 215 // एगदुगपिंडिआण वि, वासासु समत्तकप्पिआण हवे। वागंतियववहारोचियमाभव्वं समे खित्तें // 216 // साहारणट्ठियाणं, पुच्छंतो जो उवस्सयं सेहे। निययं दूरासन्नं, कहेइ सो लहइ मासगुरुं // 217 // सव्वे उद्दिसिअव्वा, अह पुच्छइ कयरु एत्थ आयरिओ। बहुसुअ तवस्सि पव्वावगो य तत्थ वि तहा कहणं // 218 // सव्वेसि बहुगुणत्ते, कहिए जो जस्स पासमन्भेइ / सो तस्स होइ सिट्टे, चउरो किण्हा विसेसम्मि // 219 // धम्मं सोउं इच्छइ, जइ सो तो तं कहेइ धम्मकही। रायणिओ बहुसुतओ, अण्णे वि कहंति तारिसयं // 220 // तत्तो य सलद्धीए, कहणे आहवइ जेण उवसमिओ। . आयरिअदाणकहणे, बहुआ दिजंति इक्किक्का // 221 // रायणिए थेरेऽसइ, कुलगणसंघे दुगाइणो भेआ। एमेव वत्थपाए, तालायरसेवगा वणिआ // 222 // 35