________________ जत्थ चउण्हं विरहो, पउंजियव्वो उ तत्थ पंचमओ। सुत्ते णिद्देसाओ, दढधम्मजणाणुचिन्नो त्ति / / / 43 // दडुरमाइसु कल्लाणगं तु विगलिंदिएसभत्तट्ठो / परिआवणाइ तेसिं, चउत्थमायंबिला हुंति // 44 // अपरिण्णा कालाइसु, अपडिक्तस्स णिव्विगइअंतु। . निव्विइयं पुरिमड्डे, अंबिल खवणा य आवासे // 45 // . जं जस्स व पच्छित्तं, आयरियपरंपराइ अविरुद्धं / जोगा य बहुविगप्पा, एसो खलु जीअकप्पो उ // 46 // जं जीअं सावज्जं, ण तेण जीएण होइ ववहारो। जं जीअमसावज्जं, तेण उ जीएण ववहारो // 47 // खार हडी हरमाला, पोट्टेण य रिंगणं तु सावज्जं / दसविहपायच्छित्तं, होइ असावज्जजीअंतु // 48 // ओसण्णे बहुदोसे, णिद्धंधस पवयणे य णिरवेक्खे। एयारिसम्मि पुरिसे, दिज्जइ सावज्जजीअं पि // 49 // संविग्गे पियधम्मे, अपमत्ते वि य अवज्जभीरुम्मि। कम्हि य पमायखलिए, देयमसावज्जजीयं तु // 50 // जं जीअमसोहिकरं, ण तेण जीएण होइ ववहारो।। जं जीअं सोहिकरं, तेण उ जीएण ववहारो // 51 / / जं जीअमसोहिकरं, पासत्थपमत्तसंजयाईणं / जइ वि महाणाइन्न, ण तेण जीएण ववहारो // 52 // जं जीअं सोहिकरं, संवेगपरायणेण दंतेणं / इक्केण वि आइन्नं, तेण उ जीएण ववहारो . // 53 / / हीणं वा अहियं वा, जइ वि सुआवत्तिओ हवइ एअं। . तह वि सुआणुत्तिण्णं, परिणामविसेसमहिगिच्च // 54 // 22