________________ // 31 // // 32 // // 33 // // 34 // // 35 // // 36 // तस्स उ उद्धरिऊणं, अत्थपयाइं तु दिति आयरिआ। तेहि उ कज्जविहाणं, देसावगमेण धारणया वत्तणुवत्तपवित्तो, कत्थइ अत्थम्मि जीअकप्पो उ। सो नेव ण पुण इण्डिं, जं ववहारम्मि भणियमिणं चोदेई वुच्छिन्ने, सिद्धिपहे तइयगम्मि पुरिसजुगे। वुच्छिण्णे तिविहे संजमम्मि जीएण ववहारो संघयणं संठाणं, च पढमगं जो अ पुव्वउवओगो। ववहारचउक्कं पि य, चउदसपुव्विम्मि वुच्छिण्णं आहायरिओ एवं, ववहारचउक्क जे उ वुच्छिण्णं / चउदसपुव्वधरम्मी, घोसंति तेसि ऽनुग्घाया जे भावा जहियं पुण, चउदसपुविम्मि जंबुनामे य। वुच्छिना ते इणमो, सुणसु समासेण सीसंते मणपरमोहिपुलाए, आहारगखवगउवसमे कप्पे / संजमतिग केवल सिज्झणा य जंबुम्मि वुच्छिना संघयणं संठाणं, च पढमगं जो अ पुव्वउवओगो। एते तिन्नि विअत्था, चउदसपुव्विम्मि वुच्छिन्ना केवलमणपज्जवनाणिणो अ तत्तो अ ओहिनाणजिणा। चउदसदसनवपुव्वी, आगमववहारिणो धीरा सुत्तेण ववहरते, कप्पववहारधारिणो धीरा / अत्थधर ववहरते, आणाए धारणाए अ ववहारचउक्कस्स य, चोद्दसपुविम्मि छेदो जं भणियं / तं ते मिच्छा जम्हा, सुत्तं अत्था य धरए उ तित्थुग्गाली एत्थं, वत्तव्वा होइ आणुपुव्वीए / जो जस्स उ अंगस्सा, वुच्छेदो जहिँ विणिद्दिवो // 37 // // 38 // // 39 // // 40 // // 41 // // 42 // 21