________________ // 156 // // 157 // // 158 // // 159 // . // 160 // // 161 // पुक्खरिणीओ पुब्विं, जारिसयाओ ण तारिसा इण्डिं / तह वि य पुक्खरिणीओ, हवंति कज्जाइं कीरंति आयारपकप्पो या, नवमे पुव्वम्मि आसि सोही अ। तत्तो च्चिय निज्जूढो, इयाणि तो इह स किं न भवे तालुग्घाडणिओसोवणाइविज्जाहि तेणगा आसि / इण्डिं ताओ न संति, ता वि किं तेणगा ण खलु . पुव्विं चउदसपुव्वी, इण्डिं जहण्णो पकप्पधारी अ। मज्झिमग कप्पधारी, कह सो उ ण होई गीयत्थो पुव्विं सत्थपरिन्नाअहीअपढिआइ होउवट्ठवणा। इण्डिं छज्जीवणया, किं सा उ न होउवट्ठवणा बितियम्मि बंभचेरे, पंचम उद्देस आमगंधम्मि। सुत्तम्मि पिंडकप्पी, इह पुण पिंडेसणाए उ आयारस्स उ उवरि, उत्तरायणा उ आसि पुव्विं तु। दसवेआलिअउबरिं, इयाणि ते किं न होंती उ . मत्तंगाईतरुवर न संति इण्डिं न होंति किं रुक्खा / महजूहाहिव दप्पिअ, पुव्विं वसभा ण पुण इण्डिं . पुब्दि कोडीबद्धा, जूहा वि अ नंदगोवमाईणं / इण्डिं न संति ताई, किं जूहा ते न होंती उ साहस्सीमल्ला खलु, महपाणा आसि पुव्वजोहा उ। तत्तुल्ल नत्थि इण्डिं, किं ते जोहा ण होंती उ पुव्विं छम्मासेहिं, परिहारेणं च आसि सोही उ। सुद्धतवेणं निव्विइआदीएण्हेिं विसोही य किह पुण एवं सोही, जह पुब्विल्लासु पच्छिमासु वा / पुक्खरिणीसुं वत्थाइआणि सुझंति तह सोही - 14 // 162 // // 163 / / // 164 // // 165 // // 166 // // 167 //