________________ // 144 // // 145 // // 146 // // 147 // // 148 // // 149 / / मज्झे वा उवरिं वा, णियमा गमणं तु हिट्ठिमं ठाणं। अंतोमुहत्तवुड्डी, हाणी वि तहेव नायव्वा थोवाऽसंखगुणाई, पडिलोमकमेण हुंति ठाणाई। एसा संखेवेणं, संजमसेढीपरूवणया पत्ता अणंतजीवा, देसविरइकंडए वि मुत्तूणं / चरणं कयकरणस्स य, तुलणा तप्फासणागब्भा जं एएण कमेणं, गुणसेढीए पवड्डमाणीए / सीहत्ता णिक्खंता, सीहत्ता चेव विहरंति बीयाहाणत्थं पुण, गुरुपरतंताण दिति जुग्गाणं / अब्भासकरं चरणं, जं अट्ठ भवा चरित्तम्मि अट्ठाहिअवासाणं, बालाण वि इत्थ तेण अहिगारो / भणिओ एवं तित्थे, अव्वुच्छित्ती कया होइ आबालभावओ जे, गुरुपामूलाउ लद्धसिक्खदुगा। णिच्छयववहारविऊ, ते वट्टावंति तित्थठिइं जस्स जयावरणिज्जं, वुच्छिन्नं होइ तस्स सो उ गुणो / समसद्धाकिरिया पुण, तित्थस्स पभावगा हुंति . कालोइअगुणजुत्ते, सुअभणिएक्काइगुणविहीणम्मि। गणणिक्खेवो जुत्तो, जं सक्खेवं इमं भणियं पुव्वं वण्णेऊणं, दीहपरिआयसंघयणसद्धं / दसपुवीए धीरे, मज्जाररुअं परूवणया पुक्खरिणी आयारे आणयणा तेणगा य गीयत्थे / आयरियम्मि उ एए, आहरणा हुंति णायव्वा सत्थपरिना छक्कायअहिगमे पिंड उत्तरज्झाए / रुक्खे अ वसभ गोवो, जोहा सोही अ पुक्खरिणी - 13 // 150 // // 151 / / // 152 // // 153 // // 154 // // 155 //