________________ // 77 // // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // // 82 // एएण मच्छियाई सहावकिरिआपरायणा हुंति / ण हु जिणकिरियापेरिअकिरियं जंति त्ति पडिसिद्धं जंपि मयं णारंभो लद्धिविसेसाउ चेव केवलिणो / तं पि इमीइ दिसाए णिराकयं होइ णायव्वं तं खलु उवजीवंतो पमायवं तुह मए जिणो हुज्जा / सेलेसीए वि फलं ण तस्स उवजीवणाभावे जोगगया सा लद्धी अजोगिणो खाइगा वि जइ णत्थि। ता तक्कम्मस्सुदओ तस्सेव हवे पराहुत्तो दव्वारंभं दोसं अट्ठारसदोसमज्झयारम्मि / जो इच्छइ सो इच्छइ णो दव्वपरिग्गहं कम्हा मिच्छादोसवयणओ संसाराडविमहाकडिल्लम्मि। .. जिणवरणिंदारसिआ भमिहिंति अणोरपारम्मि जो वि य जायइ मोहो छउमत्थजिणाण लिंगवयणाओ। उवउत्तस्स ण चिट्ठइ सो वि व परमत्थदिट्ठीए . तिव्वासग्गहदोसा एयारिसया हवंति कुविगप्पा / ते उच्छिंदिय सम्मं आणाइ मुणी पयट्टिज्जा आणा पुण जगगुरुणो एगंतसुहावहा सुपरिसुद्धा / अपरिक्खिआ ण गिज्झा सा सव्वा णाममित्तेणं कसछेयतावजोगा परिक्खियव्वा य सा सुवणं व / एसा धम्मपरिक्खा णायव्वा बुद्धिमतेणं विहिपडिसेहा उ कसो तज्जोगक्खेमकारिणी किरिया। छेओ तावो य इहं वाओ जीवाइतत्ताणं एयाहिं परिक्खाहिं सुद्धे धम्मम्मि परिणया जे उ। गुरुणो गुणजलणिहिणो ते वि विसुद्धा सुवण्णं व // 83 // // 84 // // 85 // // 86 // // 87 // / / 88 //