________________ // 77 // जह जह बहुस्सुओ संमओ अ सीसगणसंपरिखुडो य / अविणिच्छिओ अ समए तह तह सिद्धंतपडिणीओ // 72 // भासाइ जो विसेसं न जाणए इयरसत्थकुसलो वि / मिच्छा तस्सुवएसो महाणिसीहम्मि जं भणिअं // 73 // सावज्जणवज्जाणं वयणाणं जो न जाणइ विसेसं / वुत्तुं पि तस्स ण खमं किमंग पुणं देसणं काउं // 74 // दाणपसंसणिसेहे जह किर दुहओ वि भासणं विसमं / सक्कइ गीयत्थेहिं सुआणुरूवं तु दोण्हं जं // 75 // पत्तम्मि जं पदिन्नं अणुकंपासंगयं च जं दाणं / ... जं च गुणंतरहेऊ पसंसणिज्जं तयं होइ // 76 // अण्णस्स य पडिसेहे सुत्तविरोहो ण लेसओ वि भवे / जेणं परिणामवसा वित्तिच्छेओ बहित्था व पत्तं च होइ तिविहं दरसव्वजया य अजयसुद्दिट्ठी / / पढमिल्लुअं च धम्मिअ - महिगिच्च वयट्ठिओ लिंगी // 78 // ववहारणएण पुणो पत्तमपत्तं च होइ पविभत्तं / णिच्छयओ पुण बझं पत्तमपत्तं च णो णिययं // 79 // जं पुण अपत्तदाणे पावं भणिअं धुवं भगवईए / तं खलु फुडं अपत्ते पत्ताभिणिवेसमहिगिच्चा // 80 // इहरा उ दाणधम्मे संकुइए होइ पवयणुड्डाहो / मिच्छत्तमोहजणओ इय एसा देसणासुद्धा // 81 // इयरेसु वि विसएसु भासा गुणदोसजाणओ एवं / भासइ सव्वं सम्मं जह भणिअं खीणदोसेहिं // 82 // गुरुणा य अणुण्णाओ गुरुभावं देसउ लहुं जम्हा। सीसस्स हुंति सीसा ण हुंति सीसा असीसस्स // 83 // 4