________________ = जं पुण पमायरूवं गुरुलाघवचितविरहियं सवहं / सुहसीलसढाइन्नं चरित्तिणो तं न सेवंति // 12 // जह सड्ढेसु ममतं राढाइ असुद्धमुवहिभत्ताइ / निद्दिज्जवसहि तूली मसूरगाईण परिभोगो इच्चाई असमंजसमणेगहा खुद्दचिट्ठिअं लोए / बहुएहि वि आयरिअं न पमाणं सुद्धचरणाणं // 14 // सारसिओ परिणामो अहवा उत्तमगुणप्पणप्पवणो / हंदि भुजंगमनलिआयामसमाणो मओ मग्गो // 15 // इत्थं सुहोहनाणा सुत्तायरणा य नाणविरहे वि / गुरुपरतंतमईणं जुत्तं मग्गाणुसारितं एयारिसस्स जमिह गमणमणाभोगओ वि मग्गम्मि / अज्झप्पचिंतएहिं सदंधणीईइ उवइ8 // 17 // लद्धेऽवंचकजोए गलिए अ असग्गहम्मि भवमूले / कुसलाणुबंधजुत्तं एअं धम्माण संभवइ // 18 // एयम्मि नाणफलओ हेमघडसमा मया परेहिं पि / किरिया जं भग्गा वि हु एसा मुंचइ ण तब्भावं // 19 // नणु भावचरणलिंगं कह मग्गणुसारिणी भवे किरिया / जं अपुणबंधगाणं दव्वजईणं पि सा इट्ठा // 20 // जायइ अ भावचरणं दुवालसण्हं खए कसायाणं / मग्गणुसारितं पुण हविज्ज तम्मंदयाए वि // 21 // लहुअत्ते कम्माणं तीए जणि तयं च गुणबीअं / ववहारेणं. भण्णइ नाणाइजुअं च णिच्छयओ // 22 // नाणाइविसेसजुअंण य तं लिंगं तु भावचरणस्स / ' तयभावे तब्भावा मासतुसाईण जं भणियं // 23 // '