________________ अण्णेहि वि पडिवन्नं एअं सत्तुग्गहाउ णट्ठस्स। भट्ठस्स य मग्गाओ मग्गन्नाणस्स णाएणं - // 156 // एत्थ पयत्थाईणं मिहो अवेक्खाहु पुण्णभावंगं / लोअम्मि आगमे वा जह वक्कत्थे पयत्थाणं - // 157 // पुरओ चिट्ठइ रुक्खो इय वक्काओ पयत्थबुद्धीए। ईहावायपओअणबुद्धीओ हुंति इयराओ // 158 // हंतव्वा नो भूआ सव्वे इह पायडो च्चिय पयत्थो। मणमाईहिं पीडं सव्वेसिं चेव ण करिज्जा // 159 // आवन्नमकरणिज्जं एवं चेइहरलोचकरणाई / इय वक्कत्थो अ महावक्कत्थो पुण इमो एत्थ // 160 // अविहिकरणम्मि दोसो तो विहिणा चेव होइ जइअव्वं / अइदंपज्जत्थो पुण आंणा धम्मम्मि सारो त्ति // 161 // गंथं चएज्ज एत्थ वि सचेअणाचेअणं चए वत्थु / एस पयत्थो पयडो वक्कत्थो पुण इमो होइ .. // 162 // वत्थाईण अगहणं एवं पत्तं मुणीण अविसेसा / आणाचाए दोसो नण्णह वत्थाइगहणे वि // 163 // एयमगहणं भावा अहिगरणच्चायओ मुणेअव्वं / एस महावक्कत्थो अइदंपज्जं तु पुव्वुत्तं // 164 // तवज्झाणाइ कुज्जा एत्थ पयत्थो उ सव्वहिं ओहा। छट्ठस्सग्गाईणं करणं सेयं सिवटुं ति // 165 // तुच्छावत्ताईणं तकरणं अकरणं अओ पत्तं / बहुदोसपसंगाओ वक्वत्थो एस दट्ठव्वो // 166 // एस महावक्कत्थो समयाबाहेण एत्थ जमदोसो।' सव्वत्थ समयणीई अइदंपज्जत्थओ इट्ठा // 167 // 14