________________ दाणपसंसणिसेहे पाणवहो तह य वित्तिपडिसेहो। एत्थ पयत्थो एसो जं एए दो महापावा // 168 // वक्कत्थो पुण एवं विच्छेओ होज्ज देसणाईणं / एवं विसेसविसयं जुज्जइ भणिअं तु वोत्तुं जे // 169 // आगमविहिअणिसिद्धे अहिगिच्च पसंसणे णिसेहे अ। लेसेण वि णो दोसो एस महावक्कगम्मत्थो // 170 // अइदंपज्जत्थो पुण मोक्खंग होइ आगमाबाहा / एवं पइसुत्तं चिय वक्खाणं पायसो जुत्तं // 171 // एवं सम्मन्नाणं दिट्टेट्ठविरोहनाणविरहेण / अण्णयरगमा कासइ सुअमिहरा कासइ अनाणं // 172 // वक्कत्थाइ मइ च्चिय ईहाइत्तेण तेण कह सदं / भण्णइ सद्दत्थमई सुअनाणब्भतरं बिंति // 173 // एत्तो च्चिय उववज्जइ सद्दा जाणामि एअमटुं ति / णियसरिसं सुअनाणं काउं इय होइ उवएसो // 174 // एवं पि सुअं अहिअं कह चिंताभावणप्पगं होउ। भण्णइ तारिसणियमइवित्थारे जुज्जइ तहत्तं // 175 // दीहो उवओगद्धा तहा खओवसमओ अ एगत्तं / तेण न संकरदोसो एवं नाणंतरे होइ // 176 // नणु फलिओ वक्कत्थो एगो च्चिय कह चउव्विहो भणिओ। भण्णइ तहेव दीसइ सामण्णविसेसभावेणं // 177 // एवं सम्मन्नाणं आणाजोगो उ होइ परिसुद्धो। जं नाणी निच्छयओ इच्छियमत्थं पसाहेइ // 178 // एसो चेव पमाणीकायव्वो णेवमप्पगहियत्ता / धम्मस्सत्थिलहुत्तं जं थोवो रयणवावारो // 179 // .. . 15