________________ // 71 // // 72 // // 73 // // 74 // // 75 // सच्चं च जस्स कुंडं तवो य अग्गी मणं च समिहाओ। इंदियगामा य पसू सया य सो दिक्खिओ होइ धम्मावणे महल्ले पसारिए सव्ववणियपासंडे। सुपरिक्खिऊण गिण्हह इत्थ हु वंचिज्जए लोओ जेसिं पव्वइयाणं धणं च धन्नं च जाण जुग्गं च / कयविक्कएण वड्डइ सो पासंडो न पासंडी धम्मलिंगं च से हत्थे, ववहारो य वट्टइ। का एसा नाम पव्वज्जा, नेव आडी न कुक्कुडो? आडीए मयणमत्ताए, रासिओ वणकुक्कुडे। तेण सप्पिल्लओ जाओ, नेय आडी न कुक्कुडो सो चेव य घरवासो नवरं परियत्तिओ य सो वेसो। . किं परियत्तियवेसं विसं न मारेइ खज्जंतं सव्वो भणइ व देसे मज्झ कुलं उत्तमं च विउलं च / कह से पत्तिययव्वं सीलेण विसंवयंतस्स सव्वाओं वि नईओ कमेण जह सायरम्मि निवडंति / तह भगवई अहिंसा सव्वे धम्मा समच्चंति तो भे भणामि सव्वे जावंति समागया मम सुणेह। वरह परलोगहिययं अहिंसालक्खणं धम्मं . तो अरयविरयविमले सयंपहे देवदुंदुहिनिनाए। सग्गम्मि चिरं वसिहह सुचरियचरणा चरह धम्म नाणंकुसेण रुंधह मणहत्थिं उप्पहेण वच्चंतं / मा उप्पहपडिवन्नो सीलारामं विणासिज्जा // 76 // // 77 // // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // પ૧