________________ // 59 // // 60 // / / 61 // // 62 // // 63 // // 64 // जीवे हिंसइ अलियं पि जंपए चोरियं पि य करेइ / परदारं चिय गच्छइ गंगा वि परम्मुंहा तस्स एगट्ठाणम्मि ठिओ अहिसेयं कुणइ सव्वतित्थेसु / जो इंदिए निरंभइ अहिंसओ सच्चवाई य वाससहस्सं पि जले उब्बुड्डनिबुडणं जइ करेइ / जीववहओ न सुज्झइ सव्वेण वि सायरजलेण मच्छा य कच्छपा विय गाहा मयरा य सुंसमारा य / हिंडिज्ज विमाणगया जइ उदयं सुग्गई नेइ . जलमज्जणेण अंगं फुट्ट पुट्टा य आयमंतस्स / न य कोइ गुणो पत्तो सीएण व भारिओ अप्पा जइ मट्टियाए सग्गो उदएण मीलियाइ संतीए / मन्नामि कुंभकारा सपुत्तदारा गया सग्गं जइ थुणइ देवयाओ लोए हिंडइ य सव्वतित्थाई / जीवेसु वि नत्थि दया सव्वं पि निरत्थयं तस्स . तप्पउ य उद्धबाहू होऊ सेवालमूलफलभक्खी। कंटहपहसयणं वा करेउ पंचग्गितावं वा / चरउ य वयाइं नाणाविहाई हिंडउ य सव्वतित्थाई। वेसं च कुणउ किंची सीलेण विणा न से किंचि मोणं वा आसेवउ आसमवासं अरनवासं वा / हिययं जस्स न सुद्धं खाइयऽसुद्धं परिकिलेसं उज्झाइय चीवराई जइ हिंडइ नग्गवेसभावेणं / जीवेसु य नत्थि दया सव्वंपि निरत्थयं तस्स तवनियमदिक्खियाणं पंचिंदियअग्गिहुत्तठवियाणं / / जीवदयजन्नियाणं दिन्नपि महाफलं तेसिं 50 // 65 // // 66 // // 67 // // 68 // // 69 // // 70 //