________________ // 47 // // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // चंडाला सोयरिया केवट्टा मच्छबंधया पावा / तित्थसएसु विण्हाया न वि ते उदएण सुज्झति पडमइल पंकमइला धूलीमइला न ते नरा मइला / जे पावकम्ममइला ते मइला जीवलोगम्मि सुचिरं पि धोयमाणो बाहिरओ सुबहुएण उदएण / न वि सुज्झति मणुस्सा अंतो भरिया अमिज्झस्स जह कालो इंगालो दुद्धद्धोओ न पंडुरो होइ / तह पावकम्ममइला उदएण न निम्मला हुति सच्चं सोयं तवं सोयं, सोयमिंदियनिग्गहो / सव्वभूयदया सोयं, जलसोयं च पंचमं एयं पंचविहं सोयं, पंचिंदियविसोहणं / जेसिं न विज्जए देहे, ते मूढा सोयवज्जिया तण्हाइयं वितन्हीकरेइ अवणेइ बाहिरं पंकं। . एए उदयस्स गुणा नहु उदयं सुग्गइं नेइ . सच्चेण संजमेण य तवेण नियमेण बंभचेरेण / सुद्धो मायंगरिसी न य सुद्धो तित्थजत्ताहिं तित्थं जणो विमग्गइ तित्थस्स वि निच्छयं अयाणंतो। तित्थं जिणेहि भणियं जत्थ दया सव्वजीवाणं नाणोदयपडिहत्थं धिइबलकलियं चरित्तसोवाणं / अप्पा जेसिं न तित्थं तित्थं खु निरत्थयं तेसिं. कि निग्गुणस्स तित्थं काही हिंसालिए पवत्तस्स / परधणपरदाररयस्स लोहमोहाभिभूयस्स जीवे न हणइ अलियं न जंपए चोरियं पि न करेइ। परदारं पि न वच्चइ घरे वि गंगादहो तस्स // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // . // 58 // 40