________________ धिज्जाईयगिहीणं, पासत्थाईण वावि दट्ठणं / जस्स न मुज्झइ दिट्ठी, अमूढदिट्टि तयं बिति / // 60 // खवणे वेयावच्चे, विणए सज्झायमाइउज्जुत्तं / जो तं पसंसए, एस होइ उववूहणा नाम // 61 // एएसुं चिय खवणाइएसु, सीयंतु चोयणा जा उ / बहुदोसे माणुस्से, मा सीय थिरीकरणमेयं // 62 / / साहम्मियवच्छलं, आहाराईहिँ होइ सव्वत्थ / आएससगुरुगिलाणेतवस्सिबालाइसु विसेसा . // 63 // कामं सहावसिद्धं, तु पवयणं दिप्पए सयं चेव / ... तहवि य जो जेणऽहिओ, सो तेण पयासए तं तु // 64 // सुलसा अमूढदिट्ठी, सेणिय उववूह थिरीकरण साढो / वच्छल्लम्मि य वइरो, पभावगा अट्ठ पुंण हुंति // 65 // साहम्मियवच्छल्लम्मि, उज्जया उज्जया य सज्झाए / चरणकरणम्मि.य तहा, तित्थस्स पभावणाए य. // 66 // अइसेसइड्दिधम्मकहिवाइआयरियखवगनेमित्ती / विज्जारायागणसम्मया, य तित्थं पभावेंति // 67 // तत्तत्थसद्दहाणं, सम्मत्तमसग्गहो न एयम्मि / मिच्छत्तखओवसमा, सुस्सूसाई उ होंति दढं // 68 // सुस्सूस धम्मराओ, गुरुदेवाणं जहासमाहीए / वेयावच्चे नियमो, वयपडिवत्तीऍ भयणा उ // 69 // जं सा अहिगयराओ, कम्मखओवसमओ न य तओ वि / होइ परिणामभेया, लहुँ ति तम्हा इहं भयणा सम्मा पलियपुहुत्तेऽवगए कम्माण भावओ हुंति / वयपभिईणि भवण्णवतरंडतुल्लाणि नियमेण // 71 // 40 // 70 //