________________ // 48 // संसयकरणं संका, कंखा अन्नोन्नदंसणग्गाहो / संतम्मि वि वितिगिच्छा, सिज्झेज्ज न मे अयं अट्ठो विउगुच्छ त्ति व गरहा, सा पुण आहारमोयमसिणाई / संका दुविहा देसे, सव्वम्मि य तत्थिमा देसे // 49 // तुल्ले जीवत्ते कह, एगे भव्वाऽवरे अभव्व त्ति / अहवेगाणूपुन्ने, खेत्तपएसे कहं अन्नो // 50 // ओगाहइ तत्थेव उ, न य परमाणूण लहुयरत्तं पि / न य अन्नोन्नपवेसो, ता कहमेयं घडिज्ज त्ति // 51 // सव्वे दुवालसंगं, गणिपिडगं पगयभासबद्धं जं / तम्हा पागयपुरिसेहिं, कप्पियं मान होज्ज त्ति // 52 // कंखा देसे एगं, कुतित्थिमयमिच्छए जहित्थं पि / भणियमहिंसादुक्कयसुकयफलं सग्गमोक्खाई // 53 // सव्वे सव्वमयाई, कंखइ जहभणियकारणेहिंतो / संकाए पेयपाई, कंखाए अमच्चरायाणो // 54 // विचिगिच्छ देस एगं, चिइवंदणनियमपोसहाईयं / सफलं विफलं व होज्ज, न नज्जए सव्व सव्वाणि // 55 // पूव्वपुरिसा जहच्चिय (जहोइय) मग्गचरा घडइ तेसु फलजोगो / अम्हेसू धिइसंघयणविरहओ न तह तेसि फलं // 56 // विचिगिच्छाए विज्जासाहताऽसड्ढचोर दिटुंतो / विउगुच्छाए पच्चंतवासिणो सड्ढगस्स सुया // 57 // इड्डीओ णेगविहा, विज्जाजणिया तवोमयाओ य / वेउब्वियलद्धिकया, नहगमणाई य दट्टणं // 58 // पूयं च असणपाणाइवत्थपत्ताइएहिँ विविहेहिं / परपासंडत्थाणं, सक्कोलूयाइणं दर्दू // 59 // ... . 36 परावाणा