________________ // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // // 17 // एएहि तदहिगारित्तणं, धुवं लक्खणेहिँ नाऊणं / गिहिधम्मं गाहिज्जा, सिद्धंतविराहणा इहरा सम्मत्तमूलिया ऊ, पंचाणुव्वय गुणव्वया तिण्णि / चउसिक्खावयसहिओ, सावगधम्मो दुवालसहा तत्थ तिहा सम्मत्तं, खइयं उवसामियं खओवसमं / मिच्छत्तपरिच्चाएण, होड़ तव्वज्जणं चेयं न करेइ सयं मिच्छं, न कारवेई करंतमवि अण्णं / नो अणुजाणइ मणसा, एवं वायाए काएणं मिच्छत्तमणेगविहं, सुयाणुसारेण होइ विण्णेयं / . लोइयदेवेसु पसत्थ-मणवईकायवावारो वंदणमेयं मल्लाइ पूयणं वत्थमाइ सक्कारो / माणसपीई माणो, एमाई सुहुममइगम्म लोगुत्तमदेवम्मि वि, लोइयदेवाण जाणि लिंगाणि / इच्छापरिग्गहाईणि तेसिमारोवणं मिच्छा तह अण्णतित्थियाणं, तावससक्काइलिंगधारीणं / / पुव्वालवणाइ परिच्चओ य तव्वयणकरणाई वंदणपूयणसक्कारणाइ, सव्वं न कप्पए काउं। लोगुत्तमलिंगीण वि, केसिंचेवं जओ भणियं पासत्थोसण्णकुसीलणीयसंसत्तजणमहाछंदं / नाऊण तं सुविहिया, सव्वपयत्तेण वजंति एत्थ य पासत्थाईहिं, संगयं चरणनासयं पायं / . सम्मत्तहरमहाछंदेहिं उ तल्लक्खणं चेयं उस्सुत्तमायरंतो, उस्सुत्तं चेव पण्णवेमाणो / एसो उ अहाछंदो, इच्छाछंदो त्ति एगत्था // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // // 22 // // 23 // 39