________________ // 27 // उस्सुत्तमणुवइटुं, सच्छंदविगप्पियं अणणुवाई / परतत्तिपवित्ते तितिणो य इणमो अहाछंदो // 24 // सच्छंदमइ विगप्पिय, किंची सुहसायविगइपडिबद्धो / तिहिं गारवेहि मज्जइ, तं जाणाही अहाछंदं // 25 // उस्सुत्तं पुण एत्थं, थावरपाओगकूवकरणाई / (अ) उब्भुइगकरउप्पा-यणाइ धम्माहिगारम्मि // 26 // एमाइ बहुविगप्पं, उस्सुत्तं आयरंति सयमेव / अन्नेसि पण्णवेंति य, सिच्छाए जे अहाछंदा एत्तो च्चिय तेसिमुवस्सयम्मि तु दिवससमागओ साहू / / तेसि धम्मकहाए, कुणइ विघायं सइ बलम्मि // 28 // इहरा ठएइ कण्णे, तस्सवणा मिच्छमेइ साहू वि . / / अबलो किमु जो सड्ढो, जीवाजीवाइअणभिण्णो // 29 // वयणविसंवायाओ, उप्पज्जइ संसओ फुडं जं से / तम्हा तमणाययणं, मिच्छं मिच्छत्तहेऊ वि . // 30 // इय सपरपक्खविसयं, सकारणं जाणिऊण मिच्छत्तं / पच्चक्खिय तिह तिविहेण, पालणाभावणा एवं // 31 // एयं अणंतरुत्तं, मिच्छं मणसा न चिंतइ करेमि / सयमेसो य करेऊ, अण्णेण कए वि सुठु कयं // 32 // एवं वाया न भणइ, करेमि अण्णं च न• भणइ करेहि / अन्नकयं न पसंसइ, न कुणइ सयमेव काएणं // 33 // करसन्नभमुहखेवाइएहिं न य कारवेइ अन्नेणं / न पसंसइ अन्नकयं, छोडियहसियाइचेट्ठाहि // 34 // आह तिहाणुमई जं, संवासुवंभोयपडिसुणणभेया / गिहिणो य सयावासो, बहुमिच्छादिट्ठिमज्झम्मि // 35 //