________________ तिन्नि वि पएसरासी एगाणंता तु ठाविया हुंति / .. हंदि विसेसेण तहा अणंतयाणतया सम्मं // 377 // तुलं च सव्वहेयं सव्वेसि होइ कालभेएवि / जह जं कोडीसत्तं तह छणभेए वि सुहुममिणं // 378 // सव्वं पि कोडिकप्पियमसंभवठवणाइ जं भवे ठवियं / तत्तो तस्सुहसामी न होइ इह भेयगो कालो . // 379 // जइ तत्तो अहिगं खलु होइ सरूवेण किंचि तो भेओ / न वि अज्जवासकोडीमया (मयाणमा) णम्मि सो होइ।। 380 // किरिया फलसाविक्खा जं तो तीए ण सुक्खमिह परमं / तम्हा मुगाइभावो लोगिगमिव जुत्तिओ सुक्खं // 381 // सव्वूसगवावित्ती जत्थ तयं पंडिएहिं जत्तेण / सुहुमाभोगेण तहा निरूवणीयं अपरितंतं // 382 // जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अणंता भवक्खयविमुक्का / अन्नुन्नमणाबाहं चिटुंति सुही सुहं पत्ता .. // 383 // एमेव लवो इहरा ण जाउ सन्ना तयंतरमुवेइ / एगेए तह भावो सुक्खसहावो कहं स भवे ? // 384 // तम्हा तेसिं सरूवं सहावणिययं जहा उण स मुत्ती। परमसुहाइसहावं नेयं एगंतभवरहियं . // 385 // काऊण पगरणमिणं जं कुसलमुवज्जियं मए तेण / / भव्वा भवविरहत्थं लहंतु जिणसासणे बोहिं // 386 // 34