________________ सागाराणागारं नेयं जं नेयमुभयहा सव्वं / अणुमाइयं पि नियमा सामन्नविसेसरूवं तु // 331 // ता एयं पि तह च्चिय तग्गाहगभावओ उ नायव्वं / ... आगारो वि य एयस्स नवरं तग्गहणपरिणामा . // 332 // इहरा उ अमुत्तस्सा को वाऽऽगारो न या वि पडिबिंबं / . आदरिसगिव्व विसयस्स. एस तहजुत्तिजोगाओ. // 333 // सामा उ दिया छाया अभासरगया निसिं तु कालाभा / / स च्चेय भासरगया सदेहवन्ना मुणेयव्वा // 334 // जे आरिसस्स अंतो देहावयवा हवंति संकंता / . .. तेसिं तत्थुवलद्धी पगासजोगा ण इयरेसि // 335 // छायाणुवेहओ खलु जुज्जइ आयरिसगे पुण इमं ति / सिद्धम्मि तेजच्छायाणुजोगविरहा अदेहाओ // 336 // छायाहिं न जोगोऽसंगत्ताओ उ हंदि सिद्धस्स / छायाणवो वि सव्वे वि णाऽणुमाईण विज्जति .. // 337 // तंमित्तवेयणं तह ण सेसगहणमणुमाणओ वां वि। . तम्हा सरूवनिययस्स एस तग्गहणपरिणामो . // 338 // चंदाइच्चगहाणं पहा पयासेइ परिमियं खित्तं / / केवलियनाणलंभो लोयालोयं पयासेइ // 339 // तह सव्वगयाभासं भणियं सिद्धंतसम्मनाणीहिं / एयसरूवनियत्तं एवमिणं जुज्जए कहं णु ? // 340 // आभासो गहणं चिय जम्हा तो किं न जुज्जए इत्थं ?. चंदप्पभाइणायं तु णायमित्तं मुणेयव्वं // 341 // जम्हा पुग्गलरूवा चंदाईणं पभा ण तद्धम्मो / नाणं तु जीवधम्मो ता तं नियओ अयं नियमा // 342 // 30