________________ // 218 // एवं परिसुद्धासयजुत्तो जो खलु मणोनिरोहो वि / परमत्थओ जहत्थं सो भण्णइ बंभमिह समए इय तंतजुत्तिनीईइ भावियव्वो बुहेहिं सुत्तत्थो / . सव्वो ससमयपरसमयजोगओ मुक्खकंखीहिं संखेवेणं एसो जइधम्मो वनिओ अइमहत्थो / मंदमइबोहणट्ठा कुग्गहविरहेण समयाओ // 219 // // 220 / / // 12 // शिक्षाविंशिका // सिक्खा इमस्स दुविहा गहणासेवणगया मुणेयव्वा / सुत्तत्थगोयरेगा बीयाऽणुट्ठाणविसय त्ति // 221 // जह चक्कवट्टिरज्जं लभ्रूणं नेह खुद्दकिरियासु / होइ मई तह चेव उ नेयस्स वि धम्मरज्जवओ // 222 // जह तस्स व रज्जत्तं कुव्वंतो वच्चए सुहं कालो / तह एयस्स वि सम्मं सिक्खादुगमेव धनस्स // 223 // तत्तो इमं पहाणं निरुवमसुहहेउभावओ नेयं / / इत्थ वि होदइगसुहं तत्तो एवोपसमसुहं . // 224 // सिक्खादुगम्मि पीई जइ जायइ हंदि समणसीहस्स / / तह चक्कवट्टिणो वि हु नियमेण न जाउ नियकिच्चे // 225 // गिण्हइ विहिणा सुत्तं भावेणं परममंतरूव त्ति / जोगो वि बीयमहुरोदजोगतुल्लो इमस्स त्ति // 226 // पत्तं परियाएणं सुगुरुसगासाउ कालजोगेण / / उद्देसाइकमजुयं सुत्तं गेझंति गहणविही // 227 // एसु च्चिय दाणविही नवरं दाया गुरूऽथ एयस्स / गुरुसंदिट्ठो वा जो अक्खयचारित्तजुत्तु त्ति // 228 // 20