________________ जिज्जइ कलासु कुसला किर कण्णा तस्स दोवई सोउं। . रायाणो तं धणुहं आरुहिउं तो समाढत्ता // 147 // ण चयंति आरुहेउं अह ससिपालों महाबलो ताहे / ... संधेऊण पयत्तो णवरि धणुं तं अयत्तेणं // 148 // तो कण्हेणं ताहे गरुलो णागा गया य संखा य / चकं णंगलमुसलं मंदरमेरू अ पक्खित्ता // 149 // . संधेइ तो वि जाहे. ता ससिसूरग्गिउदहिसेला य / पक्खित्ता सव्व च्चिय वसुहा अह धणुहरे तम्मि // 150 // अद्धंगुलमित्ते किर असंधिए केसवेण ठाणं सो। ... पाएण वि मोअविउं ताहे पडिओ सहधणू णं // 151 // पत्थेण य तं गहियं अह अइभारेण ण सहई धरणी / भीमस्स तओ हत्थे आरुहिअ तं पयत्तेण // .152 // कण्णविदिनेण सरेण विधिउं अज्जुणेण तं राहं / लद्धा दोवइकण्णा वीरपडागं हरंतेण // 153 // जइ तं महल्लधणुअं णागग्गिगया य अइगया जत्थ / तो कह ण होइ ढिंकी महई जत्थित्तियं मायं // 154 // रामायणे वि सुव्वइ सीआहरणे जडाउगिद्ध त्ति / पंखाउहो महप्पा जुज्झेणं रामणस्स ठिओ // 155 // तेण वि से रुटेणं चंदाहासेण लूडिआ पंखा / तो लुअपंखो पडिओ मंदरसिहरू व्व महिवट्टे // 156 // सीआए सो भणिओ सीलवईणं सईण तेएणं / दट्टण रामदूअं होर्हिति पुणो वि ते पंखा . // 157 // कस्स य कालस्स तओ हणुअंतो राहवेण आणत्तो / सीआपउत्तिहेउं हिंडंतो आगओ तहियं . // 158 // 278