________________ // 47 // // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // सरणं भए उवाओ रोगे किरिया विसम्मि मंतो ति। . एए वि पावकम्मोवक्कमभेया उ तत्तेणं सरणं गुरू उ इत्थं किरिया उ तवो त्ति कम्मरोगम्मि। मंतो पुण सज्झाओ मोहविसविणासणो पयडो एएसु जत्तकरणा तस्सोवक्कमणभावओ पायं / नो होइ पच्चवाओ अवि य गुणो एस परमत्थो चउसरणगमण दुक्कडगरहा सुकडाणुमोयणा चेव / एस गणो अणवरयं कायव्वो कुसलहेउ त्ति घडमाण-पवत्ताणं जोगीणं जोगसाहणोवाओ / एसो पहाणतरओ णवर पवत्तस्स विण्णेओ भावणसुयपाढो तित्थसवणमसति तयत्थजाणम्मि। तत्तो य आयपेहणमतिनिउणं दोसवेक्खाए रागो दोसो मोहो एए एत्था ऽऽयदूसणा दोसा। .. कम्मोदयसंजणिया विण्णेया आयपरिणामा कम्मं च चित्तपोग्गलरूवं जीवस्सऽणाइसंबद्धं / मिच्छत्तादिनिमित्तं णाएणमतीयकालसमं अणुभूयवत्तमाणो सव्वो वेसो पवाहओऽणादी / जह तह कम्मं णेयं कयकत्तं वत्तमाणसमं . मुत्तेणममुत्तिमओ उवघायाऽणुग्गहा वि जुज्जति / जह विण्णाणस्स इहं मइरापाणोसहादीहिं एवमणादी एसो संबंधो कंचणोवलाणं व। एयाणमुवाएणं तह वि विओगो वि हवइ त्ति एवं तु बंध-मोक्खा विणोवयारेण दो वि जुज्जति / सुह-दुक्खाइ य दिट्ठा इहरा ण, कयं पसंगेण // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // ca ...